सोमवार को कोलकाता पुलिस की एक टीम अनूपपुर जिले के कोतमा में पहुंची। यह कार्रवाई कोलकाता में दर्ज एफआईआर के आधार पर की गई। मामला महेंद्र गोयंका, उनके भाई मनीष गोयंका, सुनील कुमार अग्रवाल और अन्य सहयोगियों के खिलाफ दर्ज है।
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आरोपियों पर फर्जी दस्तावेज तैयार कर कटनी के हरगढ़ में स्थित यूरो प्रतीक इस्पात इंडिया लिमिटेड पर अवैध कब्जा करने की साजिश रचने का आरोप है। यह प्रकरण भारतीय दंड संहिता की धारा 420 (धोखाधड़ी), 467 (मूल्यवान सुरक्षा का जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी) और 120B (आपराधिक साजिश) के तहत दर्ज किया गया है।
आरोपी पुलिस से पहुंचने से पहले भागे
जांच और साक्ष्य संग्रह के लिए कोलकाता पुलिस ने कोतमा स्थित हीरो शोरूम और अन्य संबंधित स्थानों पर छापेमारी की। सूत्रों के अनुसार, सभी मुख्य आरोपी पुलिस के पहुंचने से पहले ही वहां से फरार हो गए।
कोतमा थाना प्रभारी बोले- कार्रवाई में स्थानीय पुलिस भी साथ गई थी
कोतमा थाना प्रभारी रत्नमबर शुक्ला ने बताया कि कोलकाता पुलिस ने उनसे सहायता मांगी थी। उन्होंने एक सर्च वारंट के आधार पर एक व्यक्ति से पूछताछ करने के लिए स्थानीय पुलिस की मदद चाही थी। इस पर कोतमा पुलिस ने एक एसआई को कोलकाता पुलिस के साथ भेजा था।
थाना प्रभारी ने यह भी कहा कि उन्हें मामले के बारे में जानकारी नहीं है क्योंकि कोलकाता पुलिस ने इस संबंध में कोई विशेष जानकारी साझा नहीं की है। फिलहाल मामले की जांच जारी है और साक्ष्यों के आधार पर आगे की कानूनी कार्रवाई की जाएगी।