राजधानी भोपाल के सभी 192 पेट्रोल पंपों को साफ-साफ निर्देश मिला है कि बिना ISI मार्क हेलमेट पहने किसी भी राइडर को पेट्रोल न दिया जाए. ये आदेश 1 अगस्त से 29 सितंबर 2025 तक प्रभावी रहेगा. फैसले का मकसद तो जनता की सड़क सुरक्षा बढ़ाना है, लेकिन जमीनी स्तर पर पेट्रोल पंप कर्मचारी और मैनेजर थोड़े परेशान हैं.
पीएफ ऑफिस चौराहे के पास स्थित एक पेट्रोल पंप के मैनेजर रमेश द्विवेदी ने बताया कि आदेश सही है और उनकी टीम पूरी नीयत से पालन करेगी, लेकिन पहले भी जब ऐसा आदेश आया था, तब बिना हेलमेट आए लोगों ने पंप पर विवाद और बहस शुरू कर दी थी. उन्होंने प्रशासन से साफ कहा कि अगर नियम लागू करना है, तो सुरक्षा व्यवस्था भी उतनी ही जरूरी है.
भीड़ में गुस्सा निकालते हैं लोग
रमेश कहते हैं कि पेट्रोल न मिलने पर लोग पंप स्टाफ से उलझने लगते हैं. गाली-गलौज, धक्का-मुक्की और हाथापाई तक की नौबत आ जाती है. ऐसे में हम चाहेंगे कि प्रशासन सिर्फ आदेश न दे, बल्कि पुलिस या सुरक्षा कर्मियों की तैनाती भी करवाए.
राजधानी के 192 पंपों पर रोजाना करीब 21 लाख लीटर पेट्रोल-डीजल बिकता है, जिसमें से 50% से ज्यादा पेट्रोल होता है. ऐसे में हर दिन हजारों टू-व्हीलर राइडर्स आते हैं, जिनमें से एक बड़ी संख्या हेलमेट नहीं पहनती.
कानून का आधार भी साफ
भोपाल कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह ने बताया कि ये आदेश मोटर यान अधिनियम 1988 की धारा 129 के तहत जारी किया गया है. इसमें कहा गया है कि दोपहिया वाहन चालक और पीछे बैठी सवारी के लिए ISI मार्क वाला हेलमेट पहनना जरूरी है, वरना न सिर्फ पेट्रोल पंप को दंडित किया जाएगा, बल्कि वाहन चालक पर भी भारतीय न्याय संहिता की धारा 223 के तहत कार्रवाई हो सकती है.