वन नीति: उजड़े वनों को सुधारने के लिए तैयार हो रहा नई वन नीति का ड्राफ्ट – Bhopal News

वन नीति:  उजड़े वनों को सुधारने के लिए तैयार हो रहा नई वन नीति का ड्राफ्ट – Bhopal News



जनवरी में वन विभाग द्वारा उजाड़ वन भूमि के सुधार के लिए नई नीति का जो ड्राफ्ट लाया गया था, राष्ट्रीय स्व्यं सेवक संघ की आपत्ति के बाद उसमें बड़ा बदलाव किया जा रहा है। अब मप्र में खाली और उजाड़ वन भूमि पर अंग्रेजों के जमाने से लगाए जा रहे सागौन और साल की

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इस संबंध में नई वन नीति के लिए संघ से जुड़ी संस्था वनवासी कल्याण आश्रम ने सरकार को सुझाव दिए हैं। इन्हें नई नीति में शामिल किए जाने की संभावना है। आश्रम ने यह भी कहा है कि जिस तरह उन्नत कृषि की जानकारी देने के लिए कृषि विज्ञान केंद्र संचालित किए जाते हैं, उसी तर्ज पर वन विज्ञान केंद्र खोले जाएं।

वन विभाग के पुराने ड्राफ्ट में भूमि को निजी निवेशकों को 40 साल के लिए लीज पर देने का प्रावधान था। इस पर वनवासी कल्याण परिषद व जनजातीय मंत्रणा परिषद की आपत्ति के बाद इसे खारिज कर दिया गया।

वन विज्ञान केंद्र खोलने का सुझाव… ये आदिवासियों को वनोपज बेचने की ट्रेनिंग देंगे

  • 94,689 वर्गकिमी मप्र में वन भूमि का कुल क्षेत्रफल
  • 37,000 वर्गकिमी हिस्सा इसमें उजाड़ वनों का

वन विभाग इस पूरे प्रोजेक्ट की निगरानी करेगा। इस पायलट में तीन प्रमुख आधार होंगे। पहला वन विभाग, दूसरा संबंधित ग्राम सभा और तीसरा निजी निवेशक।

38 फीसदी हिस्सा उजाड़ वनों का है मप्र की नई वन नीति का ड्राफ्ट तैयार करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में है। इसमें उजाड़ वनों (डिग्रेडेड फॉरेस्ट) के सुधार पर सरकार का खास फोकस है। दरअसल, मप्र की वन भूमि में करीब 38% हिस्सा उजाड़ वनों का है। इसी को लेकर वनवासी कल्याण परिषद के विशेषज्ञों की मुख्यमंत्री के साथ लंबी बैठक हुई है। सूत्रों के मुताबिक ये सुझाव वन नीति में शामिल किए जाएंगे।

आईआईएफएम से लेंगे तकनीकी मदद वनवासी कल्याण आश्रम के प्रस्ताव के मुताबिक, वन विज्ञान केंद्र स्थापित करने के लिए आईआईएफएम जैसी संस्थाओं की मदद ली जा सकती है। वन विज्ञान केंद्र आदिवासियों की लघु वनोपज को सीधे बाजार में बेचने की बजाय वैल्यू एडिशन कर बेचने की ट्रेनिंग देंगे, ताकि सही दाम मिल सके। शुरुआत में विंध्य, महाकौशल और मध्य क्षेत्र में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में एक-एक वन विज्ञान केंद्र खोलने का सुझाव है।

मप्र में वन विज्ञान खोलने का भी प्रस्ताव राज्य सरकार ने हमारे सुझावों को गंभीरता से लिया है। वन नीति में कम्युनिटि फॉरेस्ट रिसोर्स राइट पर अधिक जोर दिया जाए, ऐसा हमारा आग्रह है। इसके लिए मप्र में वन विज्ञान केंद्र खोलने का भी प्रस्ताव है। -गिरीश कुबेर,अभा. हितरक्षा प्रमुख, वनवासी कल्याण आश्रम

शोध होगा, कि कहां- कौन से पेड़ लगें वन विज्ञान केंद्र स्थानीय जलवायु में आदिवासी वर्ग की आजीविका को बढ़ाने में मददगार पेड़ लगाने के लिए शोध करेगा। इसके बाद हरड़, बहेड़ा, आंवला, महुआ जैसे पेड़ लगाए जाएंगे। इससे जंगल भी बचेंगे और आदिवासी वर्ग की आजीविका भी बढ़ेगी।



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