बाघ की मौत में बालाघाट डीएफओ को नोटिस: वन्यजीव प्रधान मुख्य वनसंरक्षक ने मांगा जवाब, 6 सदस्यीय एसआईटी भी कर रही जांच – Balaghat (Madhya Pradesh) News

बाघ की मौत में बालाघाट डीएफओ को नोटिस:  वन्यजीव प्रधान मुख्य वनसंरक्षक ने मांगा जवाब, 6 सदस्यीय एसआईटी भी कर रही जांच – Balaghat (Madhya Pradesh) News


बालाघाट के सोनेवानी अभयारण्य में मादा बाघ की संदेहास्पद मौत का मामला तूल पकड़ रहा है। शव मिलने के बाद दो वन अधिकारियों के निर्देश पर वन सुरक्षा श्रमिकों द्वारा शव को जला दिए जाने की घटना ने भोपाल से लेकर बालाघाट तक हंगामा मचा दिया है।

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मामले में वन्यजीव प्रधान मुख्य वनसंरक्षक शुभरंजन देव ने डीएफओ अधर गुप्ता को नोटिस जारी किया है। कांग्रेस विधायक अनुभा मुंजारे ने प्रधान मुख्य वनसंरक्षक व वनबल प्रमुख को पत्र लिखकर इसे बाघ की हत्या बताया है। उन्होंने दो वन अधिकारियों के साथ-साथ डीएफओ अधर गुप्ता को निलंबित करने और उच्चस्तरीय जांच की मांग की है।

जांच के लिए एसआईटी गठित

मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच के लिए सीसीएफ गौरव चौधरी ने 6 सदस्यीय एसआईटी का गठन किया है। मंगलवार को एसआईटी ने घटनास्थल का दौरा किया। इस दौरान सीसीएफ गौरव चौधरी के साथ एसआईटी टीम प्रमुख तरुण कुमार डेहरिया, विनय कुमार मेश्राम, एस.पी. गोस्वामी, विनोद कुमार चौहान, अजय कुमार चौरे और सुखलाल चौरीवार मौजूद थे।

टीम दो सप्ताह में मादा बाघ की मौत के कारण, शव जलाने के स्थल, और घटना में शामिल लोगों की पहचान करेगी। आशंका है कि इस मामले में और भी लोग शामिल हो सकते हैं।

एसडीओ बीआर सिरसाम का कहना है कि यदि बाघ का शव मिल जाता, तो सुराग मिल जाते। पोस्टमार्टम से मौत के कारणों का पता चल पाता। घटनास्थल से बरामद बाघ की हड्डी और अधजले मांस को फोरेंसिक जांच के लिए भेजा गया है।

प्रकरण में चौंकाने वाली बात है कि वन विभाग को इस गंभीर घटना की जानकारी व्हाट्सएप मैसेज के माध्यम से मिली। यह घटना जिले के वन विभाग की संरक्षित वन्यजीवों के प्रति उदासीनता को दर्शाती है।

बता दें कि सोनेवानी के कक्ष क्रमांक 443 में, 27 जुलाई को पोटुटोला नहर के पास नाले में बाघ का शव मिला था। डिफ्टी रेंजर टीकाराम हनोते और वनरक्षक हिमांशु घोरमारे के कहने पर श्रमिक चौकीदारों ने 29 जुलाई को सूखी लकड़ी एकत्रित बाघ के शव को जला दिया। जब 2 अगस्त को मामला व्हाट्सऐप के माध्यम से सामने आया, तो आनन-फानन में वन अमले ने इसकी जांच शुरू की। इसमें 8 आरोपियों के खिलाफ अपराध दर्ज किया। 6 आरोपियों सुरक्षा श्रमिक चौकीदार हरिलाल, शिवकुमार, शैलेष, अनुज, मानसिंह और देवसिंह को गिरफ्तार किया, जबकि निलंबित डिफ्टी रेंजर टीकाराम हनोते और वनरक्षक हिमांशु घोरमारे फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है।

27 जुलाई को मिला था बाघ का शव।

27 जुलाई को मिला था बाघ का शव।



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