यादव का लड़का पानी ढोएगा… क्या यही हमारी औकात? लोकसभा में भावुक हो गए लालू

यादव का लड़का पानी ढोएगा… क्या यही हमारी औकात? लोकसभा में भावुक हो गए लालू


पटना. भारत ने इंगलैंड को टेस्ट मैच हराकर सीरीज 2-2 से बराबरी कर ली है. भारतीय खिलाड़ियों के प्रदर्शन की तारीफ हो रही है. क्रिकेट के इसी आकर्षण के कारण भारत के अधिकांश माता-पिता और अभिभावक की चाहत होती है कि उनका बेटा भी क्रिकेटर बने और देश-प्रदेश, परिवार का नाम रौशन करे. ऐसा ही ख्वाब कभी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री लालू प्रसाद यादव ने भी अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव के लिए देखा था. लेकिन कड़ी प्रतियोगिता में वह टीम इंडिया में शामिल नहीं हो पाए, लेकिन आईपीएल में उन्होंने क्रिकेट जरूर खेला. हालांकि, वहां भी टफ कॉम्पिटिशन के कारण कई बार वह 12वें खिलाड़ी के तौर पर रहे. बिहार के पूर्व सीएम और केंद्र में रेल मंत्री रहे लालू यादव ने जब अपने बेटे को 12वें खिलाड़ी के तौर पर देखा तो उन्होंने अपनी पीड़ा का जिक्र लोकसभा में कर दिया था. वाकया 2012 का है जब संसद में कथित आईपीएल घोटाले को लेकर चर्चा चल रही थी. इसी दौरान लालू यादव ने अपने बेटे को लेकर अपनी अपनी भावना जाहिर की थी. अब जब वर्तमान में तेजस्वी यादव बिहार की राजनीति का चमकता सितारा बन गए हैं और उधर भारतीय टीम इंग्लैंड में अपना जलवा बिखेर रही है, इधर भारत में संसद का मानसून सत्र भी चल रहा है तो उस वाकये का भी जिक्र कर लिया जाए जब लालू यादव ने अपने बेटे के लिए कहा था- यादव का बेटा पानी पिलाएगा?

दरअअसल, 2012 में लोकसभा में आईपीएल घोटाले पर बहस के दौरान लालू प्रसाद यादव ने अपने बेटे तेजस्वी यादव के क्रिकेट करियर को लेकर भावुक और तंज भरा बयान दिया था. तब उन्होंने कहा कि- तेजस्वी यादव दिल्ली डेयरडेविल्स में शामिल थे, लेकिन उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला और 12वें खिलाड़ी के तौर पर मैदान में खेल रहे टीम के खिलाड़ियों के लिए केवल पानी और तौलिया ढोना पड़ा. लेकिन, लालू यादव को अपने बेटे को ऐसा करते हुए नहीं देखा गया और तब लालू यादव ने लोकसभा में आईपीएल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए. लालू यादव का यह बयान तब काफी सुर्खियों में रहा. लेकिन, लालू यादव ने लोकसभा में इस बात का जिक्र क्यों किया इसके पीछे भी बड़ी राजनीतिक गहराई थी. आइए इस बयान की पूरी कहानी और इसके सियासी मायनों को जानते हैं.

लोकसभा में आईपीएल पर बहस, लालू का सियासी मंच

2012 में लोकसभा में आईपीएल घोटाले, विशेष रूप से शशि थरूर और पुणे वॉरियर्स से जुड़े विवाद पर चर्चा हो रही थी. इस दौरान राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने अपने छोटे बेटे तेजस्वी यादव के क्रिकेट करियर को लेकर भावुक और हाजिरजवाबी भरा बयान दिया. लालू यादव ने कहा, मैं गया था देखने कि मेरा बेटा तेजस्वी दिल्ली डेयरडेविल्स की तरफ से खेलेगा. लेकिन देखा कि जब ओवर होता था, मेरा बेटा तौलिया और पानी की बोतल लेकर दौड़ता था. जो खिलाड़ी खेलते थे, उनके पसीने को पोंछता था. मुझे ये देखकर धक्का लगा कि यादव का लड़का… ये हम लोग की हैसियत हो गई? उसे खेलने का मौका क्यों नहीं दिया जाता? उनकी इस बात ने सदन में हंसी बिखेरी और लालू यादव ने इस पर खूब तालियां बटोरीं, लेकिन जानकार बताते हैं कि लालू यादव का यह बयान जहां उनकी सियासी शैली और पिता की पीड़ा जाहिर कर रहा था तो यह उनकी दूरदर्शी सोच भी था जो आज तेजस्वी यादव के नेतृत्व के रूप में बिहार में दिख रहा है.

लालू यादव का लोकसभा में बयान-यादव का बेटा तौलिया-पानी ढोएगा?

बयान का पूरा संदर्भ, लालू की शिकायत और सियासत

लालू यादव ने अपने बयान में न केवल तेजस्वी यादव के साथ हुए व्यवहार पर नाराज़गी जता दी, बल्कि आईपीएल की चयन प्रक्रिया और संचालन पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, आईपीएल में सट्टेबाजी चल रही है. यह कोई खेल नहीं, बल्कि सट्टे का अड्डा बन गया है. मेरे बेटे को चार साल से दिल्ली की टीम में रखा, लेकिन एक भी मैच नहीं खिलाया. क्या यह सही है? सरकार को चाहिए कि खेल मंत्रालय इसे अपने नियंत्रण में ले. लालू यादव ने यह भी सुझाव दिया कि आईपीएल की जांच होनी चाहिए, क्योंकि यह खेल के नाम पर व्यवसाय बन गया है. उनका यह बयान एक पिता की शिकायत के साथ-साथ उनकी सियासी चतुराई को भी बताता था, जिससे उन्होंने विपक्षी दलों और जनता का ध्यान खींचा और तेजस्वी यादव के लिए बिहार की राजनीति में आने की राह खोल दी.

सपनों का पीछा करते तेजस्वी, जानिये क्रिकेट करियर

लालू यादव के छोटे बेटे तेजस्वी यादव ने 2008 से 2012 तक आईपीएल में दिल्ली डेयरडेविल्स (अब दिल्ली कैपिटल्स) के लिए साइन किया था. 2008-2009 में उन्हें 8 लाख रुपये और 2011-2012 में 10 लाख रुपये में खरीदा गया. वे मध्यक्रम के बल्लेबाज और ऑलराउंडर थे जो स्पिन और सीम गेंदबाजी कर सकते थे. तेजस्वी यादव ने 2008 में अंडर-19 विश्व कप में विराट कोहली के साथ भारतीय टीम में जगह बनाई थी और झारखंड के लिए एक प्रथम श्रेणी दो लिस्ट-ए, और चार टी-20 मैच खेले. लेकिन आईपीएल में उन्हें कभी प्लेइंग इलेवन में मौका नहीं मिला. उनकी भूमिका मैदान पर पानी और तौलिया पहुंचाने तक सीमित रही, जिसे लालू यादव ने लोकसभा में उठाकर तेजस्वी यादव को लेकर अपने दर्द को राष्ट्रीय मंच पर जाहिर किया.

तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि विराट कोहली ने उनकी कप्तानी में क्रिकेट खेली है. (दायीं ओर किनारे तेजस्वी, समूह में पीछे ब्लू टी शर्ट में विराट कोहली बायें से दूसरे और दायें से तीसरे)

लालू यादव ने दिया सियासी रंग, यह उनकी रणनीति चाल!

लालू यादव का यह बयान केवल एक पिता की भावनात्मक अपील नहीं था, बल्कि उनकी सियासी रणनीति का हिस्सा भी था. एक ओर जहां उन्होंने आईपीएल में युवा खिलाड़ियों को मौके नहीं मिलने की समस्या को तब उजागर किया, वहीं अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने की भी कोशिश की. बता दें कि 2012 में लालू की सियासी हैसियत चारा घोटाले के कारण कमज़ोर हो रही थी. उनके खिलाफ सीबीआई की जांच चल रही थी और 2013 में उन्हें इस मामले में सजा भी हुई. ऐसे में तेजस्वी यादव के क्रिकेट करियर को उठाकर लालू ने जनता के बीच सहानुभूति बटोरने की कोशिश की. उनका यह ठेठ बिहारी अंदाज़ और हास्य भरी शैली सदन में हंसी का कारण बनी, लेकिन इसने आईपीएल की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े किए. इसके साथ ही लालू यादव ने यह कहकर कि- यादव का लड़का तौलिया-पानी ढोएगा? लालू यादव ने अपने बेटे के भविष्य को लेकर भी संकेत कर दिया था अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को यह संदेश दे दिया कि वह राजद में नया नेतृत्व लाने की सोच रहे हैं.

मीडिया की प्रतिक्रिया से लाइमलाइट में आए तेजस्वी

लालू यादव की रणनीतिक चाल कैसे थी, इसको इस बात से समझा जा सकता है कि उनका यह बयान लोकसभा में ठहाके का कारण बना और सोशल मीडिया पर वायरल हो गया. समाचार चैनलों और अखबारों ने इसे प्रमुखता से कवर किया. कई लोगों ने इसे लालू यादव की हाजिरजवाबी और बिहारी अंदाज़ का नमूना माना, जबकि कुछ ने इसे एक पिता की वास्तविक पीड़ा के रूप में देखा. लेकिन, कुछ राजनीति के जानकारों ने इस बयान को लालू यादव की राजनीतिक गहराई के तौर पर देखा. दरअसल, तेजस्वी यादव के नाम को लाइमलाइट में ला दिया औरइसको राष्ट्रीय चर्चा का विषय बना दिया. यहां भी उन्होंने अपनी बातों से (यादव का लड़का पानी पिलाएगा?) और आगे यह कि- मुझे ये देखकर धक्का लगा कि यादव का लड़का… ये हम लोग की हैसियत हो गई?… इतना कहकर अपनी सियासत भी साध ली.

क्रिकेट में तेजस्वी यादव की असफलता को लालू यादव ने बना लिया सियसी हथियार!

तेजस्वी की राह हुई आसान, क्रिकेट से सियासत का सफर

लालू यादव के इस बयान के बाद तेजस्वी ने 2012 में क्रिकेट छोड़कर राजनीति में कदम रखा. 2015 में वे राघोपुर से विधायक बने और 26 साल की उम्र में बिहार के उपमुख्यमंत्री बने. 2020 में वे महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार के रूप में उभरे. अब वह बिहार की राजनीति का चमकता सितारा हैं. भविष्य में उनके बिहार का मुख्यमंत्री बनने की भी संभावना जताई जाती है. साफ है कि लालू यादव का लोकसभा में दिया गया यह बयान आज भी तेजस्वी यादव के शुरुआती संघर्ष की कहानी को जनता के बीच रखता है, लेकिन इसके साथ ही यह भी कि अब वह बिहार की सियासत में एक मजबूत चेहरा बना गए हैं.



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