दरअअसल, 2012 में लोकसभा में आईपीएल घोटाले पर बहस के दौरान लालू प्रसाद यादव ने अपने बेटे तेजस्वी यादव के क्रिकेट करियर को लेकर भावुक और तंज भरा बयान दिया था. तब उन्होंने कहा कि- तेजस्वी यादव दिल्ली डेयरडेविल्स में शामिल थे, लेकिन उन्हें खेलने का मौका नहीं मिला और 12वें खिलाड़ी के तौर पर मैदान में खेल रहे टीम के खिलाड़ियों के लिए केवल पानी और तौलिया ढोना पड़ा. लेकिन, लालू यादव को अपने बेटे को ऐसा करते हुए नहीं देखा गया और तब लालू यादव ने लोकसभा में आईपीएल की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए. लालू यादव का यह बयान तब काफी सुर्खियों में रहा. लेकिन, लालू यादव ने लोकसभा में इस बात का जिक्र क्यों किया इसके पीछे भी बड़ी राजनीतिक गहराई थी. आइए इस बयान की पूरी कहानी और इसके सियासी मायनों को जानते हैं.
लोकसभा में आईपीएल पर बहस, लालू का सियासी मंच
लालू यादव का लोकसभा में बयान-यादव का बेटा तौलिया-पानी ढोएगा?
बयान का पूरा संदर्भ, लालू की शिकायत और सियासत
लालू यादव ने अपने बयान में न केवल तेजस्वी यादव के साथ हुए व्यवहार पर नाराज़गी जता दी, बल्कि आईपीएल की चयन प्रक्रिया और संचालन पर भी सवाल उठाए. उन्होंने कहा, आईपीएल में सट्टेबाजी चल रही है. यह कोई खेल नहीं, बल्कि सट्टे का अड्डा बन गया है. मेरे बेटे को चार साल से दिल्ली की टीम में रखा, लेकिन एक भी मैच नहीं खिलाया. क्या यह सही है? सरकार को चाहिए कि खेल मंत्रालय इसे अपने नियंत्रण में ले. लालू यादव ने यह भी सुझाव दिया कि आईपीएल की जांच होनी चाहिए, क्योंकि यह खेल के नाम पर व्यवसाय बन गया है. उनका यह बयान एक पिता की शिकायत के साथ-साथ उनकी सियासी चतुराई को भी बताता था, जिससे उन्होंने विपक्षी दलों और जनता का ध्यान खींचा और तेजस्वी यादव के लिए बिहार की राजनीति में आने की राह खोल दी.
सपनों का पीछा करते तेजस्वी, जानिये क्रिकेट करियर
तेजस्वी यादव ने दावा किया है कि विराट कोहली ने उनकी कप्तानी में क्रिकेट खेली है. (दायीं ओर किनारे तेजस्वी, समूह में पीछे ब्लू टी शर्ट में विराट कोहली बायें से दूसरे और दायें से तीसरे)
लालू यादव ने दिया सियासी रंग, यह उनकी रणनीति चाल!
लालू यादव का यह बयान केवल एक पिता की भावनात्मक अपील नहीं था, बल्कि उनकी सियासी रणनीति का हिस्सा भी था. एक ओर जहां उन्होंने आईपीएल में युवा खिलाड़ियों को मौके नहीं मिलने की समस्या को तब उजागर किया, वहीं अपनी राजनीतिक स्थिति को मजबूत करने की भी कोशिश की. बता दें कि 2012 में लालू की सियासी हैसियत चारा घोटाले के कारण कमज़ोर हो रही थी. उनके खिलाफ सीबीआई की जांच चल रही थी और 2013 में उन्हें इस मामले में सजा भी हुई. ऐसे में तेजस्वी यादव के क्रिकेट करियर को उठाकर लालू ने जनता के बीच सहानुभूति बटोरने की कोशिश की. उनका यह ठेठ बिहारी अंदाज़ और हास्य भरी शैली सदन में हंसी का कारण बनी, लेकिन इसने आईपीएल की पारदर्शिता पर भी सवाल खड़े किए. इसके साथ ही लालू यादव ने यह कहकर कि- यादव का लड़का तौलिया-पानी ढोएगा? लालू यादव ने अपने बेटे के भविष्य को लेकर भी संकेत कर दिया था अपनी पार्टी के कार्यकर्ताओं को यह संदेश दे दिया कि वह राजद में नया नेतृत्व लाने की सोच रहे हैं.
मीडिया की प्रतिक्रिया से लाइमलाइट में आए तेजस्वी
क्रिकेट में तेजस्वी यादव की असफलता को लालू यादव ने बना लिया सियसी हथियार!
तेजस्वी की राह हुई आसान, क्रिकेट से सियासत का सफर
लालू यादव के इस बयान के बाद तेजस्वी ने 2012 में क्रिकेट छोड़कर राजनीति में कदम रखा. 2015 में वे राघोपुर से विधायक बने और 26 साल की उम्र में बिहार के उपमुख्यमंत्री बने. 2020 में वे महागठबंधन के सीएम उम्मीदवार के रूप में उभरे. अब वह बिहार की राजनीति का चमकता सितारा हैं. भविष्य में उनके बिहार का मुख्यमंत्री बनने की भी संभावना जताई जाती है. साफ है कि लालू यादव का लोकसभा में दिया गया यह बयान आज भी तेजस्वी यादव के शुरुआती संघर्ष की कहानी को जनता के बीच रखता है, लेकिन इसके साथ ही यह भी कि अब वह बिहार की सियासत में एक मजबूत चेहरा बना गए हैं.