एसआईटी को भंग कर जांच एसटीएसएफ की टीम को सौंप दी गई है।
बालाघाट के सोनेवानी अभ्यारण्य में बाघिन की रहस्यमय मौत की जांच अब एसआईटी के बजाय स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (एसटीएसएफ) कर रही है। एसटीएसएफ ने न्यायालय से आरोपियों को रिमांड पर लिया है। टीम ने घटनास्थल का निरीक्षण किया और घटना का पुनर्निर्माण करवा रही
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एसटीएसएफ को जांच सौंपे जाने के बाद 6 सदस्यीय एसआईटी को भंग कर दिया गया है। इस मामले में सीसीएफ ने एसडीओ के निलंबन का प्रस्ताव वरिष्ठ कार्यालय को भेज दिया है।
कांग्रेस विधायकों ने विधानसभा प्रमुख सचिव को लिखा पत्र
बाघिन की मौत के मामले को लेकर जिले के कांग्रेस विधायक अनुभा मुंजारे, संजय उईके, मधु भगत और विवेक पटेल ने विधानसभा प्रमुख सचिव को पत्र लिखा है। इससे यह मामला विधानसभा के सदन में भी उठ सकता है। कांग्रेस विधायकों ने डीएफओ पर कार्रवाई की मांग की है।
पोटुटोला नहर के नाले में मिली थी मृत बाघिन
घटना 27 जुलाई की है। सोनेवानी के कक्ष क्रमांक 443 में पोटुटोला नहर के नाले में एक मृत बाघिन मिली थी। डिप्टी रेंजर टीकाराम हनोते और वनरक्षक हिमांशु घोरमारे के निर्देश पर सुरक्षा श्रमिक चौकीदारों ने 29 जुलाई को बाघिन के शव को जलाकर नष्ट कर दिया था।
एसटीएसएफ की टीम ने आरोपियों के साथ घटनास्थल का निरीक्षण किया।
8 अपराधियों के खिलाफ दर्द हुआ मामला
यह मामला 2 अगस्त को व्हाट्सएप के माध्यम से सामने आया। इसके बाद वन विभाग ने जांच शुरू की और 8 आरोपियों के खिलाफ वन अपराध दर्ज किया गया। 6 सुरक्षा श्रमिकों – हरिलाल, शिवकुमार, शैलेष, अनुज, मानसिंह और देवसिंह को गिरफ्तार किया गया है। निलंबित डिप्टी रेंजर टीकाराम हनोते और वनरक्षक हिमांशु घोरमारे अभी फरार हैं और उनकी तलाश जारी है।
सीसीएफ गौरव चौधरी ने पुष्टि की है कि मामले की जांच अब एसटीएसएफ की टीम को सौंप दी गई है। इसी कारण एसआईटी को भंग कर दिया गया है।