मध्य प्रदेश के बदनावर में बने प्रदेश के पहले पीएम मित्र पार्क का भूमि पूजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्वयं करेंगे। यह पार्क 2,158 एकड़ (881.34 हेक्टेयर) क्षेत्र में विकसित किया जा रहा है।
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एमपीआईडीसी से प्राप्त जानकारी के अनुसार, इस परियोजना की अनुमानित लागत 1,574.43 करोड़ रुपए है। यह पार्क देश के सात पीएम मित्र पार्कों में से एक है। इंदौर से लगभग 110 किमी दूर स्थित इस पार्क के माध्यम से कुल 1 लाख लोगों को रोजगार मिलने की संभावना है। देश की प्रमुख 25 टेक्सटाइल और गारमेंट्स कंपनियां इस पार्क में लगभग 15,000 करोड़ रुपए का निवेश करेंगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 25 अगस्त को पीएम मित्र पार्क का भूमि पूजन करेंगे। सूत्रों के अनुसार, यह तारीख तय हो चुकी है और उद्योग विभाग ने इसकी तैयारियां भी शुरू कर दी हैं।
बुधवार को धार कलेक्टर और एमपीआईडीसी के अधिकारी हेलीपैड समेत अन्य व्यवस्थाओं का निरीक्षण करने पहुंचे थे। प्रधानमंत्री भूमि पूजन के साथ ही प्रमुख निवेशकों को भूमि आवंटन के पत्र भी सौंपेंगे। यह पहली बार होगा जब किसी परियोजना के भूमि पूजन के साथ ही पूरी भूमि का आवंटन निवेशकों को किया जाएगा।
एमपीआईडीसी से मिली जानकारी के अनुसार, यह पार्क ‘5 एफ’ फॉर्मूले पर आधारित है, यानी फार्म, फाइबर, फैक्ट्री, फैशन और फॉरेन। यहां पर खेती से शुरुआत होगी, फिर कपास तैयार किया जाएगा, फैक्ट्री में कपड़े बनेंगे, फैशन इंडस्ट्री को सप्लाई होगा और अंत में इनका निर्यात विदेशों में किया जाएगा।
ये है पार्क की सुविधाएं
- आवासीय टावर: 61,500 वर्ग मीटर क्षेत्र में आवासीय टावर बनाए जाएंगे, जो पार्क में कार्यरत लोगों के लिए होंगे।
- सोलर पावर प्लांट: 10 मेगावाट का सोलर प्लांट लगाया जाएगा, जिससे स्वच्छ और सस्ती बिजली उपलब्ध कराई जा सकेगी।
- प्लग एंड प्ले यूनिट्स: 95,750 वर्ग मीटर क्षेत्र में 81 “प्लग एंड प्ले” यूनिट्स बनाई जाएंगी, जिससे कंपनियां तुरंत उत्पादन शुरू कर सकेंगी।
- अन्य सुविधाएं: पार्क में अस्पताल, स्कूल और अन्य आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।
- हरित क्षेत्र: पूरे पार्क को हराभरा बनाए रखने के लिए वृक्षारोपण किया जाएगा।
अधोसंरचना के लिए 773 करोड़ रुपए के टेंडर जारी:
पीएम मित्र पार्क के पहले चरण के निर्माण कार्यों के लिए 773 करोड़ रुपए के टेंडर जारी किए गए हैं। इस क्षेत्र में कुल 320 प्लॉट तैयार किए जाएंगे, जिनमें लगभग 278 उद्योग स्थापित हो सकते हैं। इसका ले-आउट बांग्लादेश और इथियोपिया की कपड़ा इकाइयों से मिले सुझावों के आधार पर तैयार किया गया है।
इस परियोजना के लिए केंद्र और मध्यप्रदेश सरकार के बीच एक एसपीवी का गठन किया गया है, जिसमें राज्य सरकार की हिस्सेदारी 51 प्रतिशत और केंद्र सरकार की हिस्सेदारी 49% है।