भाई की कलाई पर बंधेगी केले के रेशे से बनी राखियाँ, डिजाइन देख लोग हो रहे आकर्षित…हाथों-हाथ बिक रहीं

भाई की कलाई पर बंधेगी केले के रेशे से बनी राखियाँ, डिजाइन देख लोग हो रहे आकर्षित…हाथों-हाथ बिक रहीं


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Rakshabandhan Speical: जिले के हिंगलाज धाम कॉलोनी में रहने वाली गृहिणी महिला घर पर केले के रेशे से राखी का निर्माण कर रही है. यह राखियां अब रक्षाबंधन के पर्व पर भाइयों की कलाई पर बंधेंगी.

Burhanpur News: आज तक आपने मशीन से बनी हुई राखी तो बहुत देखी होगी. लेकिन बुरहानपुर की महिलाओं के हाथों की कलाकारी ऐसी है कि वो केले के रेसे से भी राखियां बना रही है. अब इनकी राखियो को लोग भी पसंद कर रहे हैं. जिले के हिंगलाज धाम कॉलोनी में रहने वाली गृहिणी महिला घर पर केले के रेशे से राखी का निर्माण कर रही है. यह राखियां अब रक्षाबंधन के पर्व पर भाइयों की कलाई पर बंधेंगी.

महिला संध्या कदवाने का कहना है कि मैं कोई डिजाइनिंग का काम नहीं करती हूं. लेकिन मैंने यूट्यूब पर देखकर केले से राखी बनाना शुरू किया है. 15 वर्षों से राखी बना रही हूं. एक राखी को बनाने के लिए चार से पांच रुपये का खर्चा आता है. यह देखने में भी बड़ी खूबसूरत होती है और लोगों को भी पसंद आती है.

केले के रेशे से बनाई राखियां
लोग देसी प्रोडक्ट को पसंद कर रहे हैं. इसलिए इसको भी लोग पसंद कर रहे हैं. कई महिलाएं मेरे साथ यह राखी बनाने का काम कर रही हैं. जिससे उनको रोजगार भी मिल रहा है. एक जिला एक उत्पाद के तहत बुरहानपुर जिले से केला शामिल किया गया है. जिसको लेकर केले का रेशा भी आसानी से मिल जाता है. उसी रेशे से हम इन राखियों का निर्माण कर रहे हैं.

ऐसे बनती है केले के रेशे से राखी
केले के रेशे से राखी बनाने वाली महिला संध्या कदवाने ने बताया कि बुरहानपुर जिले में सबसे अधिक केले की खेती होती है. यहां पर केले का रेशा आसानी से मिल जाता है. इसलिए अब हम केले के रेशे से राखियां बना रहे हैं. इस बार केले के रेशे की बनी हुई देसी राखियां भाइयों की कलाई पर बंधेंगी. एक राखी को बनाने के लिए हमको चार से पांच रुपये का खर्चा आ रहा है. हम इसको अपने आसपास के लोगों को भी बना कर दे रहे हैं. ताकि वह भी इस देशी राखियों को अपने भाइयों की कलाई पर बांधकर प्रेम के त्यौहार को मना सकें.

ट्रेनिंग के साथ बना रही राखी
महिलाओं का कहना है कि केले के रेशे से राखी बनाने पर हमको 300 से 400 रुपये रोज की कमाई होती है. हमने यूट्यूब पर देखकर यह राखी बनाना सीखा है और स्वयं सहायता समूह के माध्यम से हमने यह प्रशिक्षण भी प्राप्त किया है. अब हम अपने घर पर ही बैठकर राखी बनाकर रोजगार भी पा रहे हैं.

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