महाकालेश्वर सांस्कृतिक संध्या में 11 ताल वाद्यों की प्रस्तुति: नृत्यांगनाओं ने कथक नृत्य से शिव स्तुति, राम स्तुति और गणेश कथा प्रस्तुत की – Ujjain News

महाकालेश्वर सांस्कृतिक संध्या में 11 ताल वाद्यों की प्रस्तुति:  नृत्यांगनाओं ने कथक नृत्य से शिव स्तुति, राम स्तुति और गणेश कथा प्रस्तुत की – Ujjain News


श्री महाकालेश्वर सांस्कृतिक संध्या के अंतर्गत गुरुवार को स्वर-ताल-वाद्य कचहरी का आयोजन किया गया। इसमें कलाकारों ने 11 प्रकार के ताल वाद्यों के माध्यम से अपनी प्रस्तुति दी।

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महाकाल महालोक में श्रावण-भादौ मास में प्रतिदिन शाम 6 से 8 बजे तक सांस्कृतिक संध्या का आयोजन हो रहा है। कार्यक्रम की पहली प्रस्तुति डॉ. परमानंद गंधर्व के निदेशन में इम्पीरियल संगीत महाविद्यालय खाचरौद के कलाकारों द्वारा दी गई।

स्वर-ताल-वाद्य कचहरी में मोहित पाटीदार और शिवराज सिंह पवार ने बांसुरी, अनन्या किरनापुरे ने सितार, प्रियांशी नेमा व रविंद्र पवार ने गायन व हारमोनियम पर प्रस्तुति दी। कुनिका पाटीदार और वंशिका ने गायन, आलन मारिया ने गिटार, पार्थ सुराणा ने जुंबा बजाया। कृष्ण शर्मा और हिमांशु वरवानिया ने बोंगो, पूर्वांश राड़ोदिया, श्रेयांश भाटी और यश राठौर ने तबला, अतुल पाटीदार ने पखावज तथा किष डिगा ने आक्टोपेड पर अपनी प्रतिभा दिखाई।

कार्यक्रम की दूसरी प्रस्तुति उज्जैन की प्रतिकल्पा सांस्कृतिक संस्था की निदेशिका पल्लवी किशन के निर्देशन में हुई। संस्था की नृत्यांगनाओं ने समूह कथक नृत्य के माध्यम से शिव स्तुति, श्री राम स्तुति, रूद्राष्टकम, कजरी और भगवान श्री गणेश की कथा पर आधारित भाव प्रस्तुत किए। कार्यक्रम का समापन तराना से किया गया।

नृत्य प्रस्तुति में जाह्नवी तेलंग, लकी राठौर, नैना सिंह सोलंकी, रिद्धि सोनी, कावेरी कश्यप, काशवी नागर, अर्चना सिंह कुशवाह, साक्षी जोशी, स्नेहा तोमर और जयवी व्यास ने भाग लिया। कार्यक्रम के प्रारंभ में मंदिर के पुजारी राजेश शर्मा ने दीप प्रज्जवलन किया। कार्यक्रम का संचालन सुदर्शन अयाचित ने किया।



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