100 करोड़ की जमीन, 28 साल से कब्जा, यूनिवर्सिटी ने फिर जारी किया नोटिस

100 करोड़ की जमीन, 28 साल से कब्जा, यूनिवर्सिटी ने फिर जारी किया नोटिस


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Gwalior News: ग्वालियर की जीवाजी विश्वविद्यालय की 100 करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत की जमीन पर 28 साल से कब्जा है. इस दौरान 12 कुलपति और 15 रजिस्टर बदल गए, लेकिन इस बेशकीमती जमीन से कब्जा नहीं हट पाया है. अब इन कब…और पढ़ें

100 करोड़ की जमीन, 28 साल से कब्जा, यूनिवर्सिटी ने फिर जारी किया नोटिसजीवाजी यूनिवर्सिटी ने जारी किया नोटिस.
ग्वालियर. मध्य प्रदेश के ग्वालियर के जीवाजी यूनिवर्सिटी की जमीन को फर्जी तरीके से खुर्दबुर्द कर बेचने और अवैध कब्जे का खुलासा हुआ, लेकिन इस जमीन को मुक्त कराने के लिए सिर्फ कागजी लड़ाई लड़ी जा रही है. गौरतलब है कि 1965 में शासन ने भू अर्जन के बाद जीवाजी विश्वविद्यालय को जमीन सौंपी थी. लेकिन 28 साल पहले एक समिति बनाकर जीवाजी की बेशकीमती जमीन को बेचना शुरू कर दिया गया. यूनिवर्सिटी के अंदर ही 6 बीघा जमीन पर कैलाश नगर कॉलोनी बस दी गई.

कॉलोनी में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा कीमत के 65 प्लॉट बेचे गए. इनमें 33 प्लॉट पर आलीशान भवन और बंगले बन गए हैं जबकि 32 प्लाट खाली पड़े हैं. वहीं काफी खाली जमीन पर अन्य लोगों ने भी कब्जा कर लिया है.

जीवाजी विश्वविद्यालय ने जारी किया नोटिस
साल 2000 में तत्कालीन कुलगुरु प्रोफेसर विनोद प्रकाश और रजिस्ट्रार फनी भूषण ने इस जमीन से कब्जा हटवाने की कोशिश शुरू की थी. तब से अब तक जीवाजी में 12 कुलपति, 15 रजिस्टर बदल चुके हैं, 25 बार प्रशासन को पत्र लिखे गए हैं, लेकिन नतीजा सिफर रहा. साल 2016 में सीमांकन हुआ जिससे स्पष्ट हुआ कि 65 प्लांट जीवाजी यूनिवर्सिटी की भूमि पर है. 2018 में खाली प्लाटों को कब्जा मुक्त करने के लिए समिति बनी, लेकिन 7 साल बाद भी इन प्लाटों को खाली नहीं कराया गय. अब जीवाजी विश्वविद्यालय प्रशासन की तरफ से कब्जा धारकों को धारा 248 के तहत नोटिस दिए गए है.

वहीं जीवाजी विश्विद्यालय की जमीन पर बसे कैलाश नगर में मकान बनाने वालों को नोटिस मिलने के बाद हड़कंप मचा है. यहां प्लॉट खरीदकर मकान बनाने वालों का कहना है कि उन्होंने विधिवत तरीके से समिति से प्लॉट खरीदे थे. उसकी रजिस्ट्री कराई और उसके बाद विधिवत्त अनुमतियों से मकान बने. अब 30 साल बाद उनको नोटिस देना गलत है. जो दोषी हैं उन पर एक्शन होना चाहिए, यहां नियमानुसार मकान बनाने वालों का मानवीय पहलू भी देखना चाहिए. अब देखना यही है कि जीवाजी विश्वविद्यालय की इस जमीन को किस तरह से कब्जा मुक्त किया जाता है. जिन लोगों को प्लॉट और मकान के बहाने ठगा गया है, उन ठगों पर किस तरह की कार्रवाई होती है.

Preeti George

Preeti George is lead content writer at hindi.news18.com having experience of more than 5 years in digital media. After completing her masters from Kushabhau Thakre Journalism university, she worked in various …और पढ़ें

Preeti George is lead content writer at hindi.news18.com having experience of more than 5 years in digital media. After completing her masters from Kushabhau Thakre Journalism university, she worked in various … और पढ़ें

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