AFMC से पढ़ाई, MBBS में गोल्ड मेडलिस्ट, अब सेना में मिली अहम जिम्मेदारी

AFMC से पढ़ाई, MBBS में गोल्ड मेडलिस्ट, अब सेना में मिली अहम जिम्मेदारी


Indian Army Story: लेफ्टिनेंट जनरल पुनीता अरोड़ा का जीवन सिर्फ एक सैन्य अधिकारी की कहानी नहीं है, बल्कि यह उस बदलाव की कहानी है जिसमें एक महिला ने समाज और सेना दोनों में चली आ रही परंपारिक सीमाओं को तोड़ा है. वे आज भी लाखों युवाओं खासकर लड़कियों के लिए एक प्रेरणास्त्रोत हैं. वह भारतीय सशस्त्र बलों की पहली महिला हैं, जिन्हें थ्री-स्टार रैंक भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट जनरल और भारतीय नौसेना में सर्जन वाइस एडमिरल प्राप्त हुआ है.

बचपन और संघर्षों से भरी शुरुआत

31 मई 1946 को लाहौर (ब्रिटिश भारत, अब पाकिस्तान) में जन्मी पुनीता अरोड़ा (Punita Arora) का बचपन विभाजन की त्रासदी के बीच बीता. वर्ष 1947 में भारत-पाकिस्तान विभाजन के समय उनका परिवार केवल एक गिलास और एक कंबल के साथ सहारनपुर (उत्तर प्रदेश) पहुंचा. इस कठिन समय ने उन्हें मजबूत इरादों वाली महिला बनने की नींव दी.

AFMC से पूरी की पढ़ाई

पुनीता ने सहारनपुर के सोफिया स्कूल और गुरु नानक गर्ल्स इंटर कॉलेज से शुरुआती पढ़ाई की. उस दौर में साइंस जैसे विषय चुनना लड़कियों के लिए सामान्य नहीं था, फिर भी उन्होंने इस चुनौती को स्वीकार किया है. वर्ष 1963 में उन्होंने पुणे के सशस्त्र बल चिकित्सा महाविद्यालय (AFMC) में दाखिला लिया और अपने बैच में टॉप करते हुए गोल्ड मेडल जीता है. जनवरी 1968 में उन्हें आर्मी मेडिकल कोर में कमीशन मिला है.

मेडिकल करियर की दिशा: सर्जरी से स्त्री रोग विशेषज्ञ तक

हालांकि अरोड़ा शुरुआत में सर्जन बनना चाहती थीं, लेकिन सेना ने उन्हें स्त्री एवं प्रसूति रोग विशेषज्ञ बनने की दिशा में आगे बढ़ाया. इस क्षेत्र में उन्होंने महिलाओं के स्वास्थ्य और मिलिट्री मेडिकल सर्विस में उल्लेखनीय योगदान दिया है.

AFMC की पहली महिला कमांडेंट

1 सितंबर 2004 को वह AFMC पुणे की कमान संभालने वाली पहली महिला अधिकारी बनीं. इस संस्थान की अगुवाई करना न केवल उनके लीडरशिप स्किल का प्रमाण था, बल्कि यह सेना में महिलाओं की बढ़ती भूमिका की भी मिसाल बनीं.

सेना मुख्यालय में सीनियर भूमिका

AFMC में पदभार संभालने से पहले अरोड़ा ने सेना मुख्यालय में अतिरिक्त महानिदेशक (चिकित्सा अनुसंधान) के रूप में काम किया है. यहां उन्होंने अनुसंधान और सैन्य चिकित्सा सेवा के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

भारतीय नौसेना में ऐतिहासिक उपलब्धि

AFMS (Armed Forces Medical Services) की कॉमन पूल सिस्टम के अंतर्गत पुनीता अरोड़ा ने भारतीय नौसेना में भी सेवा दी. वर्ष 2005 में वे सर्जन वाइस एडमिरल के पद तक पहुंचीं, जो इस पद को पाने वाली पहली महिला बनीं. उन्हें नौसेना में चिकित्सा सेवाओं की महानिदेशक नियुक्त किया गया.

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