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Rakhi Utarne ke Niyam: रक्षाबंधन भाई-बहन के पवित्र प्रेम और रक्षा के वचन का त्योहार है. इस दिन बहन अपने भाई की कलाई पर राखी बांधती है और उसकी लंबी उम्र की कामना करती है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि रक्षाबंधन के …और पढ़ें
इस दिन बहनें अपने भाई की लंबी उम्र, सुरक्षा और खुशहाली की कामना करती हैं. भाई भी बहनों की रक्षा का वादा करते हैं. भाई-बहन रक्षाबंधन के त्योहार का पूरे साल इंतजार करते हैं क्योंकि ये पर्व उनके रिश्ते में मिठास घोलता है. रक्षाबंधन के दिन बहनें शुभ मुहूर्त में भाई को राखी बांधती हैं. लेकिन क्या आप जानते हैं कि राखी उतारने के भी कुछ नियम होते हैं. आइए उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज से जानते है राखी उतारने के नियम.
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार रक्षाबंधन का पर्व खत्म होने के 24 घंटे बाद राखी को उतारा जा सकता है. लेकिन कई आध्यात्मिक विद्वानों का मानना है कि रक्षाबंधन के बाद राखी को जन्माष्टमी पर्व तक पहनकर रखना चाहिए यानी कलाई पर 21 दिनों तक रहनी चाहिए. फिर जन्माष्टमी के दिन राखी उतारनी चाहिए. ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, जन्माष्टमी के बाद यदि पूरे साल राखी बांधकर रखते हैं तो वह अशुद्ध हो जाती है और इससे दोष लगने का भी डर रहता है.
राखी उतारने का सही तरीका
राखी को कभी भी यूं ही फेंकना नहीं चाहिए. यह एक पवित्र धागा है और इसे सम्मान के साथ उतारना चाहिए. राखी को उतारने के बाद उसे किसी बहते जल में प्रवाहित करना सबसे उत्तम माना जाता है. यह धागा भाई की सभी परेशानियों और नकारात्मक ऊर्जा को अपने साथ ले जाता है. अगर आस-पास कोई नदी न हो तो राखी को किसी पेड़ के नीचे या किसी पवित्र स्थान पर रख सकते हैं. वहीं यदि राखी टूट जाए या गंदी हो जाए, तो उसे तुलसी के पौधे के पास रखकर उसकी प्रार्थना के साथ विदाई देना शुभ होता है.
Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी, राशि-धर्म और शास्त्रों के आधार पर ज्योतिषाचार्य और आचार्यों से बात करके लिखी गई है. किसी भी घटना-दुर्घटना या लाभ-हानि महज संयोग है. ज्योतिषाचार्यों की जानकारी सर्वहित में है. बताई गई किसी भी बात का Local-18 व्यक्तिगत समर्थन नहीं करता है.