डेयरी खोलो, मालामाल हो जाओ! MP सरकार की इस योजना से अब हर किसान बनेगा करोड़पति, बस करना है यह काम

डेयरी खोलो, मालामाल हो जाओ! MP सरकार की इस योजना से अब हर किसान बनेगा करोड़पति, बस करना है यह काम


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Dr. Bhimrao Ambedkar Kamdhenu Scheme: मध्यप्रदेश की डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना किसानों को खेती के साथ डेयरी व्यवसाय से जोड़कर 42 लाख तक की सहायता दे रही है. इसमें लोन और सब्सिडी दोनों मिलते हैं.

सतना. मध्यप्रदेश के किसानों और पशुपालकों के लिए अब आमदनी के नए दरवाज़े खुल गए हैं, क्योंकि अब खेती के साथ-साथ डेयरी व्यवसाय अपनाने पर प्रदेश सरकार न सिर्फ बड़े पैमाने पर लोन और सब्सिडी की सुविधा दे रही है. डॉ. भीमराव अंबेडकर कामधेनु योजना के तहत किसानों को डेयरी फार्म खोलने पर 42 लाख रुपये तक का लाभ मिल सकता है. यह योजना उन लोगों के लिए सुनहरा अवसर है, जो अपनी आमदनी को दोगुना करना चाहते हैं और पशुपालन को व्यवसायिक रूप से अपनाना चाहते हैं.

योजना का बिजनेस मॉडल – खेती और डेयरी दोनों 
पशु चिकित्सा सेवाएं विभाग के नोडल अधिकारी डॉ. कांति राजे ने लोकल 18 को जानकारी देते हुए बताया कि यह योजना मुख्यमंत्री की पहल है और पहले आओ, पहले पाओ के आधार पर संचालित हो रही है. इसमें कम से कम 25 जानवर (गाय या भैंस) रखने की शर्त है. गाय की कैटेगरी में जर्सी और एचएफ जैसी शंकर नस्लें तथा गिर और साहीवाल जैसी देसी नस्लें शामिल हैं. भैंस में मुर्रा और भदावरी जैसी नस्लें मान्य हैं.

एक यूनिट के लिए साढ़े तीन एकड़ ज़मीन जरूरी है और जैसे-जैसे यूनिट बढ़ेंगे, ज़मीन की जरूरत भी बढ़ेगी. एक यूनिट भैंस या शंकर गाय की लागत 42 लाख रुपये और देसी गाय की लागत 36 लाख रुपये है. सामान्य और ओबीसी वर्ग के लिए 75% बैंक लोन व 25% सब्सिडी, जबकि एससी-एसटी वर्ग को 33% सब्सिडी और 67% लोन की सुविधा दी जाएगी.

कैसे मिलेगा फायदा?
यह मॉडल किसानों को दोहरी कमाई का अवसर देता है जिसमे एक ओर खेत से फसल की आय तो दूसरी ओर डेयरी से दूध और उससे जुड़े उत्पादों की बिक्री. बाजार में दूध, घी, पनीर और दही की लगातार मांग होने से यह स्थिर आय का जरिया बन सकता है. साथ ही, गोबर से जैविक खाद और बायोगैस उत्पादन भी अतिरिक्त आमदनी का स्रोत है.

आवेदन प्रक्रिया और दस्तावेज़
इस योजना के लिए आवेदन ऑनलाइन किया जा सकता है या नज़दीकी पशु चिकित्सालय में संपर्क किया जा सकता है. आवश्यक दस्तावेज़ों में ज़मीन का स्वामित्व (या नज़दीकी रिश्तेदार के नाम), आधार कार्ड, समग्र आईडी, बैंक पासबुक की कॉपी और पासपोर्ट साइज फोटो शामिल हैं.

ग्रामीण अर्थव्यवस्था को नई ताकत
डॉ. राजे ने बताया कि योजना को लेकर क्षेत्र में अच्छा रिस्पांस मिल रहा है. यह न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति मजबूत करेगी बल्कि ग्रामीण स्तर पर रोजगार और डेयरी उद्योग को भी बढ़ावा देगी. खेती और डेयरी का यह कॉम्बिनेशन आने वाले समय में एमपी की ग्रामीण अर्थव्यवस्था की रीढ़ साबित हो सकता है.

Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked a…और पढ़ें

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