बैतूल जेल में रक्षा बंधन पर भावुक कर देने वाला नाजारा देखने को मिला। जेल में बंद भाइयों को बहनों ने उन्हें राखी बांधी, फल-मिठाई खिलाया। इस दौरान जेल में बंद कैदियों ने ईमानदारी के रास्ते पर चलने की शपथ ली। कैदियों ने बहनों के आशीर्वाद लिया।
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जेल प्रशासन ने इस अवसर के लिए विशेष इंतजाम किए थे। सुबह से ही मुलाकात कक्ष में टेंट, कुर्सियां और सुरक्षा प्रबंध सुनिश्चित किए गए। बहनों को केवल मौसमी फल और पूजा सामग्री लाने की अनुमति दी गई। प्रत्येक बंदी की बहन को 15 मिनट का समय दिया गया। इस दौरान वे खुले दिल से अपनी भावनाएं साझा कर सकीं।
जिला जेल में इस समय 550 कैदी निरुद्ध हैं। इनमें 24 महिला बंदी शामिल हैं। कुल कैदियों में से करीब 121 पुरुष और 2 महिलाएं सजायाफ्ता हैं। जेलर योगेंद्र तिवारी के अनुसार, यह अवसर कैदियों के लिए पारिवारिक स्नेह महसूस करने का था। साथ ही अपने जीवन को बदलने की प्रेरणा लेने का भी मौका था।
बहनों की आंखों में जहां खुशी और गर्व था, वहीं कई कैदियों की आंखें नम हो गईं। राखी बांधते समय कई बहनों ने अपने भाइयों से वादा लिया। वे जेल से बाहर निकलकर एक नई जिंदगी शुरू करेंगे। इस माहौल ने जेल परिसर को त्योहार के साथ-साथ सकारात्मक बदलाव के संदेश से भर दिया।
