राजगढ़ जेल में इस बार रक्षाबंधन का त्योहार विशेष रहा। सुबह जब बहनें अपने बंदी भाइयों से मिलने पहुंचीं तो जेल में भावनाओं का माहौल बन गया। सबसे भावुक पल तब आया, जब एक बहन ने भाई की कलाई पर राखी बांधी। भाई भावुक होकर बहन से लिपटकर रो पड़ा। यह दृश्य देख
.
जेल अधीक्षक आलोक बाजपेयी ने बताया कि राखी पर विशेष इंतजाम किए गए थे। इससे पुरुष बंदियों की बहनें और महिला बंदियों के भाई आमने-सामने मिल सकें। इस अवसर पर 258 पुरुष बंदियों को उनकी बहनों से और 7 महिला बंदियों को उनके भाइयों से मिलने का मौका मिला। राखी और मिठाई के साथ जेल में भाई-बहन के रिश्ते की मिठास बिखर गई।
इस दिन मानवता की एक मिसाल भी देखने को मिली। प्रथमसिंह एजुकेशनल वेलफेयर सोसाइटी की संस्थापक और राष्ट्रीय सनातन रक्षा सेना की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. वृंदा ठाकुर ने ग्राम रघुनाथपुरा के कमलेश को आजादी दिलाई। न्यायालय द्वारा लगाए गए 3 हजार रुपए अर्थदंड की राशि स्वयं अदा कर उन्होंने कमलेश को रिहा कराया। कमलेश 28 जुलाई 2025 से पैसों के अभाव में जेल में बंद था।
देखिए तस्वीरें…


