बालाघाट व वारासिवनी ओवरब्रिज निर्माण समय सीमा तय
बालाघाट में तीन और वारासिवनी में एक ओवरब्रिज के निर्माण की समय सीमा निर्धारित कर दी गई है। कलेक्टर मृणाल मीणा ने सरेखा ओवरब्रिज को अक्टूबर तक और गर्रा तथा वारासिवनी के ओवरब्रिज को 2025 के अंत तक पूरा करने के निर्देश दिए हैं।
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भटेरा ओवरब्रिज के कार्य में अधिक समय लग सकता है क्योंकि इसमें अभी तक भू-अर्जन और डायवर्सन मार्ग की प्रक्रिया पूरी नहीं हो पाई है। बालाघाट से सरेखा रोड पर 994 मीटर, गर्रा रोड पर वैनगंगा नदी के पहले 733 मीटर, वारासिवनी में 458 मीटर और भटेरा रोड पर 1313 मीटर लंबाई के रेलवे ओवरब्रिज का निर्माण किया जा रहा है।
अधूरे निर्माण कार्य के कारण स्थानीय लोगों को आवागमन में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। डायवर्सन मार्गों पर आवागमन की समस्या लगातार बनी हुई है। विशेष रूप से बालाघाट के सरेखा और गर्रा ओवरब्रिज के निर्माण के कारण डेंजर से गोंगलई तक का डायवर्सन मार्ग बारिश में खराब हो गया है। इससे वाहनों के गुजरने के दौरान दुर्घटना का खतरा बना रहता है।
सेतु संभाग ने आश्वासन दिया है कि सरेखा रेलवे ओवरब्रिज पर 5 सितंबर से पूरी तरह आवागमन शुरू हो जाएगा। 10 अगस्त से इस ब्रिज के दोनों ओर की सर्विस रोड का निर्माण कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा। इसे 30 अक्टूबर तक पूरा कर लिया जाएगा।
गर्रा रोड पर बन रहे रेलवे ओवरब्रिज के कार्य में रेलवे लाइन के ऊपर गार्डर डालने के लिए यातायात को पूरी तरह रोकना पड़ेगा। मशीनों और अन्य कार्यों के लिए पर्याप्त स्थान न होने के कारण वर्तमान में इसका निर्माण कार्य रोक दिया गया है। इस ओवरब्रिज के निर्माण के लिए दिसंबर 2025 की समय सीमा निर्धारित की गई है। वारासिवनी में चल रहे रेलवे ओवरब्रिज के निर्माण की स्थिति भी इसी प्रकार की है।
जिसे भी दिसंबर 2025 तक पूर्ण करने की समय-सीमा तय की गई है। इस ब्रिज का कार्य में भी रेलवे लाईन के ऊपर ब्रिज के गार्डर डालने के लिए कार्य को रोका गया है। जबकि बालाघाट में भटेरा रोड पर बनाए जा रहे रेलवे ओव्हर ब्रिज की भू-अर्जन की प्रक्रिया अभी भी पूरी नहीं हो सकी है।
जबकि सेतु निगम द्वारा भू-अर्जन के लिए 20 करोड़ रुपए की राशि जमा करा दी गई है। चूंकि इस निर्माण कार्य के दौरान जो भूमि अधिग्रहित की जानी है उसके संबंध मे दावे आपत्ति आमंत्रित किये गए है, जिसमें अब तक 114 दावे आपत्ति प्राप्त हो चुके है।
जिसके निराकरण के बाद ही भू-अर्जन का कार्य हो सकेगा और ओवरब्रिज से जुड़े अन्य कार्य पूर्ण हो पाएंगे। जिससे, यह वर्ष 2025 तक के अंत तक पूर्ण हो पाएगा, ऐसा नजर नहीं आता है चूंकि अब तक 400 मीटर क्षेत्र में 08 नग पीयर का कार्य ही पूर्ण कर हो सका है।