बुरहानपुर में ढोल-नगाड़ों की गूंज, पारंपरिक वेशभूषा में सजे युवक-युवतियां और झूमते कदम… शनिवार को विश्व आदिवासी दिवस पर बुरहानपुर जिले में हर ओर उत्सव का माहौल रहा। खकनार क्षेत्र के तुकईथड़ स्थित कृषि मंडी में सुबह से ही आदिवासी समाज के लोग जुटने ल
.
मंच से समाज के केशवराम भिलावेकर ने एकजुटता का आह्वान किया, तो पूर्व विधायक सुमित्रा कास्डेकर ने नशामुक्ति और शिक्षा का संदेश देते हुए कहा बेटा-बेटी दोनों को शिक्षित करें, तभी समाज आगे बढ़ेगा। इस मौके पर भारत पटेल, किशन धांडे, कुलदीप पटेल, तुकाराम भिलावेकर, जगदीश गौतम, विकास गौतम और प्रकाश जमलेकर समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे।
धूलकोट के ग्राम बोरी बुजुर्ग में भी रौनक रही। यहां जयस की ओर से निकाली गई रैली में बुजुर्ग, महिलाएं और युवा पारंपरिक गीतों पर थिरकते हुए आगे बढ़े। नेपानगर के सातपायरी स्थित एकलव्य आदिवासी विद्यालय में भी रंगारंग कार्यक्रम हुए।
विद्यालय में मुख्य अतिथि के रूप में केंद्रीय विद्यालय के प्राचार्य ओमलाल ब्रम्हचारी और विशिष्ट अतिथि के रूप में खकनार तहसीलदार कविता सोलंकी व मेडिकल ऑफिसर अजय डाबर मौजूद थे। छात्र-छात्राओं ने आदिवासी संस्कृति, इतिहास और वीरों के योगदान पर भाषण और नृत्य प्रस्तुत किए।
ओमलाल ब्रम्हचारी ने कहा—“अपनी जड़ों से जुड़े रहकर ही आधुनिकता को अपनाएं।” वहीं अजय डाबर ने छात्रों को लक्ष्य साधने और मेहनत से उसे पाने की सीख दी। विद्यालय के प्राचार्य रत्नेश कुमार जायसवाल ने कहा कि ऐसे आयोजन नई पीढ़ी को अपनी परंपराओं से जोड़ते हैं। कार्यक्रम का समापन सामूहिक नृत्य के साथ हुआ, जिसमें पूरा परिसर तालियों और उत्साह से गूंज उठा।