‘राजा’ का हाथ पकड़कर मंच पर ले गए ‘महाराज’: सीएम काम में व्यस्त, मंत्री नींद में मस्त; माननीय को बताना पड़ा- मैं ‌विधायक हूं भाई – Madhya Pradesh News

‘राजा’ का हाथ पकड़कर मंच पर ले गए ‘महाराज’:  सीएम काम में व्यस्त, मंत्री नींद में मस्त; माननीय को बताना पड़ा- मैं ‌विधायक हूं भाई – Madhya Pradesh News


राजधानी में पुलिस के शिकंजे में आई नशे की ‘मछली’ ने कई नेताओं के होश उड़ा दिए हैं। क्योंकि इन ‘मछली’ के साथ सत्ताधारी दल के कई नेताओं की तस्वीरें सामने आई थीं। हाल ही में विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान इसी मुद्दे को लेकर विपक्ष ने सरकार को घेरने की

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सुना है, इस बीच सरकार की तरफ से एक मंत्री को ‘मछली’ की तस्वीरें दिखाई गईं। तस्वीरें देखने के बाद मंत्री ने जवाब दिया- इनसे मेरा कोई लेना-देना नहीं हैं। वहीं एक दूसरे मंत्री दिल्ली की परिक्रमा करके आए हैं। ताकी किसी भी तरह के संकट से बचा जा सके।

माननीय को बताना पड़ा… मैं तो विधायक हूं… विधानसभा के मानसून सत्र में इस बार विपक्ष ने हर रोज विरोध का फैंसी ड्रेस शो किया। कभी गिरगिट तो कभी भैंस, कभी पुलिस की वर्दी में आए तो कभी पत्ते लपेट कर आए और अलग-अलग मुद्दों पर प्रदर्शन किया।

इस दौरान एक रोचक वाकया भी हुआ। सत्र के आखिरी दिन विपक्ष के विधायक सदन के बाहर प्रदर्शन कर रहे थे। इस दौरान एक युवा विधायक भी नारेबाजी कर रहे थे।

फॉर्मल गेटअप में प्रदर्शन कर रहे विधायक के पास विधानसभा के मार्शल पहुंच गए और उन्हें रोका। इस पर विधायक ने कहा- मैं विधायक हूं भाई। इसके बाद विधायक से मार्शल ने सॉरी कहा और चले गए।

महाराज ने थामा राजा का हाथ…मंच पर ले गए एक राजा, एक महाराज.. सियासी मैदान में एक-दूसरे के धुर विरोधी, लंबे अरसे बाद दोनों एक मंच पर नजर आए। खुद महाराज मंच के सामने कुर्सी पर बैठे राजा के पास चलकर आए, उन्हें प्रणाम किया, उनका हाथ पकड़ा और फिर मंच पर लेकर गए।

वाकया राजधानी में हुए एक कार्यक्रम का है। जहां सियासत के इस सुंदर नजारे को देखकर हर किसी ने ताली बजाई।

राजा-महाराज की इस मुलाकात का वीडियो सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है। लोग तरह-तरह की प्रतिक्रियाएं दे रहे हैं। एक यूजर ने लिखा- सियासी शिष्टाचार की ऐसी तस्वीर लंबे समय बाद सामने आई है। एक यूजर ने लिखा- राजनीति की रवायत ही ऐसी है, न कोई स्थायी दोस्त होता है, न स्थायी दुश्मन।

कुछ लोग इसे ऐसे भी देख रहे हैं कि महाराज ने राजा का संकल्प तुड़वा दिया, क्योंकि राजा ने किसी भी कार्यक्रम में मंच पर नहीं बैठने का संकल्प लिया था।

महाराज के महल की रणनीतिक घेराबंदी! ग्वालियर-चंबल में महाराज और ठाकुर साहब के बीच अंदरूनी अदावत खुलकर सामने आने लगी है। बीते दिनों ठाकुर साहब ने महाराज पर निशाना साधा। अब किले में एक नए प्रोजेक्ट की प्लानिंग शुरू हुई और विधानसभा में मामला उठा।

तीन विधायकों ने किले में प्रपोज्ड प्रोजेक्ट को लेकर सवाल लगाया। सवाल पूछने वाले पक्ष और विपक्ष के दो विधायक ठाकुर साहब के क्षेत्र से आते हैं। तीसरे विधायक जी संगठन के पुराने नेता हैं। सियासत के जानकार ये कह रहे हैं कि ये महल की रणनीतिक घेराबंदी है।

‘सरकार’ के सामने ही सो गए मंत्री जी रक्षाबंधन के दो दिन पहले ‘सरकार’ ने संवाददाता सम्मेलन बुलाया। उन्होंने आगामी प्लान और कार्यक्रमों की जानकारी दी। इसी दौरान उनके बगल में बैठे एक मंत्री झपकियां ले रहे थे। वे खुद को संभालते, फिर नींद का झोंका आ जाता।

मीडिया के कैमरों के सामने ही मंत्री जी को छह बार झपकी लगी। अब लोग चुटकी ले रहे हैं कि.. लगता है ये वर्कलोड का असर है।

भाई ने विरोधी विधायक को बताया दसवां रत्न भाई के नाम से फेमस मालवा से आने वाले एक मंत्री ने विधानसभा में विपक्ष के एक विधायक को दसवां रत्न बताया। भाई ने कहा कि बाबा की नगरी में नौ रत्न हैं, दसवां रत्न ये विधायक है। बता दें कि ये विधायक सरकार पर सीधे हमले बोलते रहते हैं। ऐसे में जानकार अब ये पता लगा रहे हैं कि आखिर भाई ने उन्हें ये उपाधि क्यों दी…?

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दिल्ली में संसद सत्र के दौरान सदन के बाहर मामा जी और राजा साहब की अचानक मुलाकात हो गई। दोनों एक-दूसरे को देखकर रुके, मुस्कुराए और हाथ मिलाए। तभी वहां मौजूद मीडियाकर्मियों ने राजनीति के विरोधी इन दो दिग्गजों को अपने कैमरे में कैद कर लिया। पूरी खबर पढ़ें…



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