राजधानी की महिलाओं के लिए राहतभरी खबर है। हमीदिया अस्पताल में अब गर्भाशय और बच्चेदानी से जुड़े जटिल ऑपरेशन भी नई मॉडर्न लेप्रोस्कोपिक मशीन से होंगे। यह सुविधा राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (NHM) ने उपलब्ध कराई है। खास बात यह है कि जहां निजी अस्पतालों में
.
इन मरीजों को सबसे ज्यादा फायदा
- हिस्ट्रैक्टोमी (Hysterectomy): बच्चेदानी निकालने की सर्जरी
- गर्भाशय से ट्यूमर या फाइब्रायड हटाना
- पेल्विक इन्फेक्शन का इलाज
- बांझपन से जुड़े जटिल ऑपरेशन
इसलिए खास है यह तकनीक अस्पताल प्रबंधन के अनुसार, नई हाईटेक मशीन से ऑपरेशन पहले से ज्यादा सुरक्षित, सटीक और तेज होंगे। मशीन में हार्मोनिक स्केल पेल, टेलिस्कोप, अल्ट्रा-क्लियर कैमरा, हाई-रेजोल्यूशन मॉनिटर, लाइट सोर्स और माइक्रो हैंड इंस्ट्रूमेंट्स जैसे मॉडर्न उपकरण लगे हैं। ऑपरेशन के दौरान पेट या गर्भाशय के पास मात्र एक छोटा-सा कट लगाया जाता है, जिसमें कैमरे वाली पतली ट्यूब डाली जाती है। डॉक्टर इस कैमरे से शरीर के अंदरूनी हिस्सों को स्क्रीन पर साफ-साफ देख पाते हैं।
जल्द डिस्चार्ज होंगे मरीज लेप्रोस्कोपिक तकनीक से खून बहुत कम बहता है, संक्रमण का खतरा घट जाता है और मरीज की रिकवरी तेज होती है। पहले जहां मरीज को हफ्तों अस्पताल में रहना पड़ता था, अब ज्यादातर महिलाएं 2-3 दिन में डिस्चार्ज हो सकती हैं।
ऐसे पारंपरिक ऑपरेशन से बेहतर लेप्रोस्कोपी
- पारंपरिक ओपन सर्जरी में 6 से 8 इंच का कट लगता है। वहीं, लेप्रोस्कोपिक सर्जरी 0.5 से 1 सेमी से पूरी सर्जरी होती है।
- पारंपरिक सर्जरी में अधिक दर्द और खून ज्यादा बहता है।
- लेप्रोस्कोपी तकनीक खासकर उन मरीजों के लिए वरदान है, जो दिल, डायबिटीज या अन्य गंभीर बीमारियों से पीड़ित हैं। क्योंकि इसमें शरीर पर कम असर पड़ता है।