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Dharohar: बुरहानपुर के पास स्थित असीरगढ़ किला एक ऐतिहासिक और धार्मिक धरोहर है, जहां मंदिर, मस्जिद, चर्च और गुरुद्वारा एक साथ मौजूद हैं. आज हम आपको इसके इतिहास के बारे में बताने जा रहे हैं.
इतिहासकार ने दी जानकारी
मध्य प्रदेश में कई प्राचीन मंदिर मस्जिद गुरुद्वारा चर्च और ऐतिहासिक स्मारक मौजूद है, जिनकी अपनी-अपनी कहानी है. मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले से 25 किलोमीटर की दूरी पर स्थित असीरगढ़ का किला मौजूद है. यह किला एक ऐसा किला है कि यहां पर शिव मंदिर असीरगढ़ मस्जिद चर्च और गुरुद्वारा मौजूद है. सभी धार्मिक स्थल एक ही किले में मौजूद हैं. इतिहासकार डॉक्टर वैद्य सुभाष माने बताते हैं कि यह किला इसलिए भी खास माना जाता है, क्योंकि उसे दक्षिण का द्वार कहते हैं और इस किले की कहानी अश्वत्थामा से जुड़ी हुई है. इस किले में यह चारों चीज एक साथ है, जहां पर आज भी देश-विदेश के पर्यटक देखने के लिए पहुंचते हैं. इतिहासकार यह भी बताते हैं कि यहां पर अंग्रेजों के जमाने के कई खंडहर भी मौजूद है, तो वहीं यहां पर पानी के कुंड भी है, जिनको मामा भांजे के पानी के कुंड कहा जाता है. इस कुंड की खासियत है कि यहां पर बरसात का पानी जमा होता है और 8 महीने तक इसी पानी का इस्तेमाल किया जाता हैं.
अहीर वंश के राजा ने कराया था निर्माण
इतिहासकार डॉ वैद्य सुभाष माने बताते हैं कि अहीर वंश के राजा अहीर ने इस किले का निर्माण करवाया था. इस किले को दक्षिण का द्वार भी कहा जाता है यह किला 15 वीं शताब्दी में बना हुआ है. इस किले का जिक्र बड़े परदों की कई फिल्मों में भी हुआ है.
Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked a…और पढ़ें
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