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Betul News: बैतूल के भरेवा शिल्पकार बलदेव वाघमारे का चयन नेशनल वास्तुशिल्प अवॉर्ड के लिए हुआ है. उन्होंने भरेवा आर्ट से 30 किलोग्राम का एक कड़ा बनाया है जो आदिवासी सभ्यता में जन्म से मृत्यु तक की यात्रा को दिखाता है.
मध्य प्रदेश का इंदौर शहर स्वच्छता के मामले में देश का नंबर वन शहर है. अब मध्य प्रदेश के बैतूल जिले की एक दुर्लभ वास्तुकला भरेवा शिल्प का चयन नेशनल वास्तुशिल्प अवॉर्ड के लिए हुआ है.

बैतूल के भरेवा शिल्पकार बलदेव वाघमारे एमपी से इस सम्मान के लिए सिलेक्ट होने वाले एकमात्र वास्तु शिल्पकार हैं, जिन्होंने भरेवा आर्ट से 30 किलोग्राम का एक कड़ा बनाया है जो आदिवासी सभ्यता में जन्म से मृत्यु तक की यात्रा को दिखाता है.

बलदेव वाघमारे ने पुष्पक विमान भी बनाया है जो काफी चर्चा में है. इसे मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को गिफ्ट किया था.

जनजातीय बाहुल्य बैतूल जिले का एक दुर्लभ वास्तुशिल्प भरेवा आर्ट राष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहा है. राष्ट्रीय वास्तुशिल्प अवार्ड के लिए मध्य प्रदेश से एकमात्र एंट्री के रूप में बैतूल के भरेवा आर्ट का चयन हुआ है.

बैतूल के क्राफ्ट विलेज टिगरिया के भरेवा कलाकार बलदेव वाघमारे ने भरेवा आर्ट से 30 किलोग्राम का एक कड़ा बनाया है, जिसमें उन्होंने जनजातीय सभ्यता की जन्म से मृत्यु तक कि यात्रा कला के माध्यम से दर्शाई है.

<br />पिछले दिनों जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मध्य प्रदेश आए थे तब सीएम डॉ मोहन यादव ने उन्हें मंच पर भरेवा आर्ट से निर्मित एक पुष्पक विमान गिफ्ट किया था.पंच धातु से बना ये पुष्पक विमान बैतूल के बलदेव ने ही बनाया था. बलदेव इसे खुद के लिए एक बड़ा सम्मान मानते हैं.

भरेवा कला का इतिहास बैतूल में 500 सालों से भी ज्यादा पुराना है. पहले भरेवा कलाकार खानाबदोश जीवन जीते थे, लेकिन आज इसी कला को बलदेव जैसे कलाकारों ने एक स्थानीय पहचान और रोजगार का साधन बनाया है.

स्वच्छता के मामले में मध्य प्रदेश का इंदौर शहर पिछ्ले 8 साल से देश का टॉप शहर बना हुआ है. अगर राष्ट्रीय वास्तुशिल्प अवॉर्ड में बलदेव की कलाकृति को पुरुस्कार से नवाजा गया तो प्रदेश के वास्तुशिल्प का नाम भी देश में अव्वल होगा.