गुप्तेश्वर महादेव की पूजा करने रोज आते हैं अश्वत्थामा, मंदिर खुलते ही मिलता है ये प्रमाण, जानें मान्यता

गुप्तेश्वर महादेव की पूजा करने रोज आते हैं अश्वत्थामा, मंदिर खुलते ही मिलता है ये प्रमाण, जानें मान्यता


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Mahabharat Ashwatthama Story: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में गुप्तेश्वर महादेव का सिद्ध मंदिर है. मान्तया है कि यहां रोज अश्वत्थामा पूजा करने आते हैं. इसके प्रमाण रोज मिलते हैं…

Burhanpur News: मध्य प्रदेश के बुरहानपुर जिले गुप्तेश्वर महादेव का मंदिर है. बताया जाता है कि यह मंदिर करीब 500 साल पुराना है. इस मंदिर को लेकर तरह-तरह की मान्यताएं हैं, लेकिन सबसे प्रचलित मान्यता ये कि यहां आज भी 7 चिरंजीवियों में से अश्वत्थामा पूजा करने आते हैं. शिव मंदिर के पुजारी पंकज महाराज का दावा है कि इस प्रमाण हर रोज मंदिर खोलने के साथ ही मिलता है.

पुजारी ने ये भी बताया कि यहां सावन से भादो माह तक बड़ी संख्या में भक्त आते हैं. सुबह से देर रात तक पूजन का सिलसिला जारी रहता है. यहां लोग मन्नत मांगते हैं. वे पूरी होती हैं, तब प्रसादी का आयोजन करते हैं. इस मंदिर को लेकर एक और रोचक तथ्य सामने आया है. इतिहासकार बताते हैं कि इस मंदिर से असीरगढ़ जाने का एक गुप्त रास्ता है, जिसको अभी बंद कर दिया है.

सुबह मंदिर खुलने पर…
लोकल 18 की टीम ने जब गुप्तेश्वर महादेव मंदिर के पुजारी पंकज महाराज से बात की तो उन्होंने उस रहस्य से पर्दा उठाया, जिसकी वजह से ये माना जाता है कि यहां आज भी रोज अश्वत्थामा आते हैं. बताया, सुबह के समय जब मंदिर खुलता है तो शिवलिंग पर फूल और जल चढ़ा मिलता है. इससे उस मान्यता को बल मिलता है कि यहां अश्वत्थामा आते हैं. यहां से असीरगढ़ के लिए गुप्त रास्ता भी है, लेकिन बंद कर दिया गया है. यहां पर श्रावण, भादो माह में बड़ी दूर-दूर से भक्त दर्शन पूजन करने के लिए पूछते हैं.

संतान, विवाह, व्यापार के लिए मन्नत 
प्राचीन मंदिर पर संतान, विवाह, व्यापार के लिए ज्यादातर मन्नत मांगी जाती है. मान्यता है कि यहां पर जो भी भक्त मन्नत मांगता है और चार सोमवार शिवजी के दर्शन पूजन करने के लिए पहुंचता है, उसकी मन्नत भी पूरी होती है. मन्नत पूरी होने पर भक्त प्रसादी का आयोजन करते हैं. पुजारी पंकज महाराज ने बताया, महाभारत में भी इस मंदिर का वर्णन है, इसलिए यह मंदिर काफी प्रसिद्ध मंदिर है. मंदिर से अश्वत्थामा के संबंध का जिक्र भी किया गया है. मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के भी भक्त यहां पर पहुंचते हैं.

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गुप्तेश्वर महादेव की पूजा करने आते हैं अश्वत्थामा, रोज मिलता है ये प्रमाण



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