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Dhan Ki Kheti: धान की फसल में नाइट्रोजन का सही उपयोग पैदावार बढ़ा सकता है, जबकि गलत तरीके से डालने पर नुकसान हो सकता है. आज हम आपको इसपर एक्सपर्ट की राय बताने जा रहे हैं.
नाइट्रोजन की सही मात्रा मिट्टी की उर्वरता, जलवायु और फसल की किस्म पर निर्भर करती है. आम तौर पर, धान की फसल में प्रति हेक्टेयर 100 से 120 किलोग्राम यूरिया डालना पर्याप्त होता है. कृषि एक्सपर्ट का कहना है कि किसान मृदा परीक्षण करने के बाद उर्वरकों की मात्रा निर्धारित करें, तो किसानों को कम लागत में अच्छा मुनाफा मिल सकता है.
नाइट्रोजन प्रोटीन के निर्माण के लिए आवश्यक है, जो पौधे के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. लेकिन नाइट्रोजन की अधिकता भी फसल को नुकसान पहुंचा सकती है. अधिक नाइट्रोजन से पत्तियां पीली पड़ सकती हैं और किनारे से जल सकती हैं. अधिक नाइट्रोजन मिट्टी की उर्वरता को कम कर सकता है. अधिक नाइट्रोजन पानी में मिलकर प्रदूषण का कारण बन सकता है.
वहीं खेत में पानी भरा होने की स्थिति में भी नाइट्रोजन का छिड़काव बिल्कुल ना करें क्योंकि पानी भरा होने की वजह से नाइट्रोजन फूल कर पौधे की जड़ों से नीचे चली जाती है. जिस पौधे ग्रहण नहीं कर पाते और बहुत सी नाइट्रोजन पानी में घुलने के बाद वाष्पित होकर वायुमंडल में चली जाती है.
Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked a…और पढ़ें
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