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Jabalpur News: भवानी ने कहा कि वह अपना सारा काम खुद ही करती हैं. वह किसी की मदद नहीं लेती हैं. वह पैरों से ही मोबाइल और लैपटॉप आसानी से चला लेती हैं. इस काम में उन्हें जरा भी परेशानी नहीं होती है.
भवानी यादव माता-पिता की शान और घर की इकलौती बेटी हैं. उनकी उम्र 25 साल है. जहां भवानी की मां गृहिणी हैं, वहीं पिता ड्राइवर हैं. उनका परिवार किराये के मकान में रहता है लेकिन विपरीत परिस्थितियों के बाद भी मां-बाप ने अपनी बेटी का साथ नहीं छोड़ा और बेटी इसी बात पर खरी उतरी और वह अपने जीवन की बुलंदियों को धीरे-धीरे छूती जा रही है. भवानी ने लोकल 18 को बताया कि उनकी मां ने उन्हें शुरू से ही पैरों से सारा काम करना सिखाया.
भवानी पैरों से चलाती हैं मोबाइल और लैपटॉप
उन्होंने कहा कि वह अपना सारा काम खुद ही करती हैं. किसी की मदद नहीं लेती हैं. इतना ही नहीं, भवानी पैरों से ही मोबाइल और लैपटॉप आसानी से चला लेती हैं. इस काम में उन्हें कोई भी परेशानी नहीं होती. भवानी का सपना प्रोफेसर बनना है. भवानी कहती हैं कि सब कुछ अपने ऊपर निर्भर करता है. हार हो या फिर जीत, यह हमारी सोच पर निर्भर करता है. उनके माता-पिता ने हमेशा उन्हें मोटिवेट किया, जिसके कारण आज भी उनके हौसले बुलंद हैं.