बच्चों ने गाय बचाओ-गांव बचाओ रैली निकाली: सीधी में गोबर ना होय मोहर आय, गाय ना होय धरोहर आय नारे लगाए – Sidhi News

बच्चों ने गाय बचाओ-गांव बचाओ रैली निकाली:  सीधी में गोबर ना होय मोहर आय, गाय ना होय धरोहर आय नारे लगाए – Sidhi News


हनुमानगढ़ गांव की गलियों में बच्चों ने निकाली रैली।

सीधी जिले के हनुमानगढ़ गांव की गलियों में रविवार को बाल टोली मोगली पलटन ने “गाय हय ता गांव हय” के संदेश के साथ कछुआ चाल रैली निकाली। रैली स्व. चन्द्रप्रताप तिवारी समाधि स्थल से शुरू हुई। मुख्य सड़क होते हुए यह गांव के दूसरे छोर तक पहुंची। पूरे मार्ग

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बच्चों ने गाय बचाओ और गांव बचाओ के नारे लगाए। “माटी कहय नारिआय के, गोबर नाबा गाय के”, “गोबर ना होय मोहर आय, गाय ना होय धरोहर आय”, “सेवा करबे गाय के, रोजगार पउबे धाय के” जैसे नारे गूंजते रहे।

‘गाय की चिट्ठी’ लोगों में बांटी गई

ग्रामवासी अपने घरों से बाहर निकलकर तालियां बजाते और मुस्कुराते हुए बच्चों का हौसला बढ़ाते रहे। रैली के दौरान ‘गाय की चिट्ठी’ भी लोगों में बांटी गई। इसमें गाय के नजरिए से गांव और किसानों की स्थिति पर संदेश लिखा गया था।

बच्चे रैली में पोस्टर लेकर निकले। इसमें गोबर ना होय मोहर आय, गाय ना होय धरोहर आय लिखा।

यह रैली सिर्फ प्रतीकात्मक नहीं थी। इसका उद्देश्य एक महत्वपूर्ण सामाजिक संदेश देना था। आवारा पशु, पलायन, मिलावटी दूध, जहरीली सब्जियों और बेरोजगारी जैसी समस्याओं का स्थायी समाधान तभी संभव है, जब गाय को ग्रामीण विकास के केंद्र में रखा जाए।

1992 के उदारवाद के बाद गांव और किसान हाशिये पर चले गए। दूध का उत्पादन घटा। शहरों में मांग बढ़ती गई और मिलावटी उत्पादों का काला बाजार फैलता गया। मोगली पलटन ने स्पष्ट किया कि गाय मजबूत होगी तो गांव मजबूत होंगे। गांव मजबूत होंगे तो भारत की जड़ें मजबूत होंगी।

गाय को बचाने के लिए गांव में बच्चों ने नारे लगाए।

गाय को बचाने के लिए गांव में बच्चों ने नारे लगाए।

ऋषिकेश फाउंडेशन के अध्यक्ष उमेश तिवारी ने कहा, “अगर भारत की आत्मा गांव में बसती है, तो गांव की आत्मा गाय में बसती है। हम इसी सोच को लेकर आगे बढ़ रहे हैं।”



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