बड़वाह में लोधी समाज ने नौ दिनों तक जवारे बोकर भुजरिया माता की सेवा करने के बाद रविवार नम आंखों से माता को विदा किया। ज्वारों की पूजन-अर्चना के बाद इन्हें। विधिवत रूप से विसर्जित किया गया।
.
इस अवसर पर लोगों ने एक-दूसरे को ज्वारे भेंट किए। छोटों ने बड़ों के पैर छुए और अन्य लोगों ने गले मिलकर एक-दूसरे को पर्व की बधाई दी।
पडाली नदी में जवारों को विसर्जित किया
समाजजनों ने माताजी की शोभायात्रा निकालकर उन्हें नगर भ्रमण कराया। रात करीब 10 बजे कालंका माता मंदिर के पास पडाली नदी में जवारों को विसर्जित किया गया। भुजरिया पर्व के अवसर पर उस्ताद नेमीचंद कौशल एवं खलीफा दिलीप कौशल के निर्देशन में शाम सात बजे भुजरिया माता की शोभायात्रा निकाली गई।
शोभायात्रा में युवतियां घोड़ों पर सवार होकर निकली।
युवतियों ने यात्रा में दिखाए करतब
इस अवसर पर कालंका माता, शारदा माता और भुजरिया माता की झांकियां आकर्षण का केंद्र रहीं। गोपाल मंदिर के महंत हनुमान दास जी महाराज बग्गी में विराजमान रहे। युवतियां डंडा लेकर करतब दिखाती हुई चल रही थीं। कौशल डंडा पार्टी के युवाओं ने अखाड़े एवं विभिन्न करतबों का प्रदर्शन किया।
शोभायात्रा गुरुनानक मार्ग, मुख्य चौराहा, एमजी रोड़, गोल बिल्डिंग होते हुए कालंका माता मंदिर पहुंची। पूजन अर्चन के बाद नदी में ज्वारों को विसर्जित किया गया। इस दौरान नगर के विभिन्न समाजसेवियों एवं जनप्रतिनिधियों ने शोभायात्रा में पहुंचकर माताजी के दर्शन का लाभ लिया और समाजजनों को भुजरिया पर्व की बधाई दी।

बैंड-बाजों की धुन पर लोगों ने यात्रा में डांस किया।
कार्यक्रम में विहिप और बजरंग दल जिला सह मंत्री रितेश कौशल, रुपेश कौशल, बंटी कोशल, सुभम कोशल, शरद कोशल, नीलम कोशल आदि बड़ी संख्या में मौजूद रहे।