भारतीय बैटर्स ने बेहतर कंट्रोल दिखाया: शुभमन ने महज 10% गलत शॉट्स खेले, बुमराह-सिराज ने इंग्लिश बल्लेबाजों को ज्यादा परेशान किया

भारतीय बैटर्स ने बेहतर कंट्रोल दिखाया:  शुभमन ने महज 10% गलत शॉट्स खेले, बुमराह-सिराज ने इंग्लिश बल्लेबाजों को ज्यादा परेशान किया


स्पोर्ट्स डेस्क11 मिनट पहले

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एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी (ATT) के नतीजों को भारत ने किसी तरह 1-3 की हार से 2-2 के ड्रॉ में बदल लिया, लेकिन पूरी सीरीज में इंडियन प्लेयर्स ही इंग्लिश खिलाड़ियों पर हावी दिखे। सीरीज के 5 टेस्ट में भारत के बल्लेबाजों ने इंग्लैंड के बैटर्स से बेहतर कंट्रोल दिखाया।

ESPN क्रिकइन्फो की रिपोर्ट अनुसार, भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने तो दोनों टीमों में सबसे कम 10% ही गलत शॉट्स खेले, जिनमें गेंद उनके बैट से मिडिल नहीं हुई। टॉप-4 बैटिंग कंट्रोल वाले प्लेयर्स में चारों भारतीय रहे। इतना ही नहीं, गेंदबाजों में भी भारत के ही मोहम्मद सिराज ने इंग्लैंड के टॉप-5 बैटर्स को सबसे ज्यादा परेशान किया। उनके सामने बल्लेबाजों ने 25.1% गलत शॉट्स खेले।

दोनों टीमों के कंट्रोल पर नजर डालते हैं…

भारतीय बैटर्स ने ज्यादा शतक लगाए

एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी में दोनों टीमों ने जिस तरह की फाइट दिखाई, उसे 2-2 की स्कोरलाइन से बेहतर और किसी तरह नहीं समझाया जा सकता। हालांकि, आंकड़ों में फिर भी टीम इंडिया आगे रही। इंग्लैंड से 9 के मुकाबले भारतीय बैटर्स ने 12 शतक लगाए। इंडियन प्लेयर्स का बैटिंग औसत भी इंग्लैंड के 37.57 के मुकाबले 39.77 का रहा। यहां तक कि सीरीज के टॉप-6 रन स्कोरर में 4 बैटर्स भारत के रहे।

भारतीय बैटर्स का कंट्रोल 6.4% बेहतर

क्रिकइन्फो के पैरामीटर के अनुसार, बल्लेबाज किसी गेंद को बैट से मिडिल करता है या पूरी तरह छोड़ देता है तो यह 100% कंट्रोल में आता है। वहीं, गेंद अगर बैट के किनारे से लगती है या बल्लेबाज को चकमा देकर चली जाती है तो उसे 0% कंट्रोल में काउंट करते हैं। दोनों के औसत से ही किसी बल्लेबाज या गेंदबाज का कंट्रोल% निकालते हैं।

बैटिंग कंट्रोल के पैरामीटर में भी भारतीय बैटर्स आगे रहे। इंग्लैंड ने 78.2% कंट्रोल दिखाया, वहीं भारत ने 84.6% कंट्रोल में शॉट्स खेले। यानी भारतीय बैटर्स ने सीरीज में इंग्लैंड के 21.8% के मुकाबले 15.4% ही गलतियां कीं। हालांकि, इंग्लैंड पिछले 3 साल से अटैकिंग बैटिंग कर रहा है, इस कारण भी उनके बैटर्स ज्यादा गलतियां कर रहे हैं। इससे विकेट के चांस तो बनते हैं, लेकिन जरूरी नहीं कि विकेट भी गिरे ही। कई बार बैट का बाहरी किनारा लगने के बाद भी गेंद स्लिप फील्डर तक नहीं पहुंचती। इस कंडीशन में बल्लेबाज गलत शॉट के बावजूद आउट होने से बच जाता है।

इंग्लैंड ने गलत शॉट्स खेले

लेकिन तेजी से रन भी बनाए

भारत के खिलाफ सीरीज से पहले इंग्लैंड ने बैजबॉल अप्रोच में घरेलू कंडीशन में 20 टेस्ट खेले। बैजबॉल अप्रोच यानी कप्तान बेन स्टोक्स और कोच ब्रेंडन मैक्कुलम की लीडरशिप में खेले गए टेस्ट। इन 20 मुकाबलों में इंग्लैंड ने अटैकिंग क्रिकेट ही खेला, टीम का कंट्रोल% विपक्षी टीम से खराब रहा, लेकिन उनका स्कोरिंग रेट तेज रहा। टीम ने इस दौरान 15 मुकाबले जीते, 4 गंवाए और 1 ड्रॉ खेला।

पिछले 3 साल में इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने करीब 74 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए। दूसरी ओर विपक्षी टीम का स्ट्राइक रेट महज 54 का रहा। इंग्लिश बैटर्स ने हर विकेट गंवाने के लिए औसतन 37 रन बना भी दिए। दूसरी ओर, विपक्षी टीम इस दौरान औसतन 26 रन ही बना सकी। यानी इंग्लिश बैटर्स ने ज्यादा गलतियां करने के बावजूद ज्यादा रन बना दिए। इंग्लैंड के इसी अप्रोच ने उन्हें भारत के खिलाफ पिछली सीरीज में भी पिछड़ने नहीं दिया।

गिल और राहुल का कंट्रोल बेस्ट

भारतीय कप्तान शुभमन गिल ने सीरीज में सबसे ज्यादा रन बनाने के साथ सबसे बेहतर कंट्रोल भी दिखाया। उन्होंने 90% कंट्रोल के साथ रन बनाए। वहीं सीरीज के टॉप स्कोरिंग ओपनर केएल राहुल 88.5% कंट्रोल के साथ दूसरे नंबर पर रहे। सीरीज में बेस्ट कंट्रोल के साथ बैटिंग करने वाले टॉप-5 बैटर्स में 4 भारत के रहे। साई सुदर्शन और रवींद्र जडेजा का कंट्रोल % इंग्लैंड के टॉप बैटर जो रूट से बेहतर रहा।

टीम इंडिया के टॉप-8 बैटर्स में सबसे खराब कंट्रोल ओपनर यशस्वी जायसवाल का रहा। जिन्होंने 41.10 की औसत से रन जरूर बनाए, लेकिन उन्होंने 22.60% गलत शॉट्स भी खेले। जिस कारण 10 पारियों में 2 बार वे खाता भी नहीं खोल सके। हालांकि, बाकी 7 बैटर्स ने 20% से कम ही गलत शॉट्स खेले।

3 इंग्लिश बैटर्स ने 23% से ज्यादा गलतियां कीं

सीरीज के दूसरे टॉप स्कोरर जो रूट कंट्रोल के मामले में इंग्लैंड के बेस्ट बैटर रहे। उन्होंने गेंद पर 84.3% कंट्रोल दिखाया। उनके अलावा बेन स्टोक्स, हैरी ब्रूक और जैमी स्मिथ का कंट्रोल भी 81 से 83% के बीच रहा। हालांकि, टीम के टॉप-7 में 3 बैटर्स का कंट्रोल 77% से भी कम रहा। ओपनर जैक क्रॉली ने सबसे ज्यादा 31.4% गलत शॉट्स खेले, जिन पर एज लगी या वे गेंद को कनेक्ट नहीं कर सके।

आर्चर के सामने ज्यादा परेशान हुआ भारत

भारत के 5 बैटर्स ने 400 से ज्यादा रन बनाए, सभी का औसत 40 प्लस का रहा। इनमें शुभमन गिल, केएल राहुल, ऋषभ पंत, रवींद्र जडेजा और यशस्वी जायसवाल शामिल रहे। भारत के इन बैटर्स के खिलाफ जोफ्रा आर्चर ही इकलौते इंग्लिश गेंदबाज रहे, जिनका औसत 30 से कम का रहा। यानी उन्होंने 30 से कम रन देकर 1 विकेट झटक लिया।

आर्चर ने टॉप-5 बैटर्स को 6 बार आउट किया, यशस्वी और पंत को उन्होंने 2-2 बार पवेलियन भेजा। वहीं शुभमन और जडेजा का 1-1 बार विकेट लिया। राहुल ही इकलौते बैटर रहे, जिन्होंने आर्चर को विकेट नहीं दिया। उन्होंने 92.6% कंट्रोल के साथ आर्चर के खिलाफ 136 गेंदों पर 50 रन बनाए। आर्चर के अलावा जोश टंग ने ही औसतन 39 रन देकर 1 विकेट लिया, वहीं बाकी 4 गेंदबाजों का औसत 60 से ज्यादा का ही रहा। सभी के खिलाफ भारतीय बैटर्स का कंट्रोल 83% से ज्यादा रहा।

सिराज-बुमराह ने इंग्लैंड को खूब परेशान किया

इंग्लैंड के 5 बैटर्स ने 300 से ज्यादा रन बनाए, जिनका औसत 40 से ज्यादा का रहा। इनमें जो रूट, बेन डकेट, जैमी स्मिथ, हैरी ब्रूक और बेन स्टोक्स शामिल रहे। इनके खिलाफ जसप्रीत बुमराह और आकाशदीप ने औसतन 35 से कम रन देकर विकेट झटक लिया।

मोहम्मद सिराज ने विकेट लेने के लिए औसतन 65 रन खर्च कर दिए, लेकिन उनके खिलाफ इंग्लिश बैटर्स का कंट्रोल सबसे खराब रहे। उनकी बॉलिंग पर इंग्लैंड के बल्लेबाजों ने 25% से ज्यादा गलतियां कीं। उनके अलावा प्रसिद्ध कृष्णा और बुमराह ने भी इंग्लिश बैटर्स से 20% से ज्यादा गलतियां कराईं। इस दौरान रवींद्र जडेजा का औसत और कंट्रोल भारतीय गेंदबाजों में सबसे खराब रहा।

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