रायसेन में रविवार को कजलिया पर्व धूमधाम से मनाया गया। शहर के अथांई मोहल्ला, नरापुरा, शिकारीपुरा सहित पाटनदेव क्षेत्र से गाजे-बाजे के साथ शोभायात्राएं निकाली गईं। लहंगी और सावन के गीतों पर युवाओं की टोलियां मंजीरों और ढोलक के साथ सुर-ताल मिलाकर जमकर झ
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महिलाएं सिर पर भुजरियों की डालियां रखकर जुलूस में शामिल हुईं। इन भुजरियों को श्रद्धापूर्वक प्राचीन मिश्र तालाब, भुजरिया तालाब और कुम्हरिया तालाब में विसर्जित किया गया। शहर में जगह-जगह भुजरिया मिलन के कार्यक्रम आयोजित हुए।
इनमें लोगों ने एक-दूसरे के गले मिलकर गिले-शिकवे दूर किए और भाईचारा बनाए रखने की दुआ मांगी। छोटों ने बड़ों के पैर छूकर आशीर्वाद लिया। नगर के नरापुरा, पाटन देव, चोपड़ा मोहल्ला, पटेल नगर, गोपालपुर, ताजपुर महल सहित आसपास के ग्रामीण अंचलों में भी कजलिया पर्व उत्साह के साथ मनाया गया।
शोभायात्रा के दौरान महिलाएं सिर पर कजलिया रखकर सावन के मनभावन गीत गाती हुई चल रही थीं।

कजलियों की विशेष पूजा-पाठ कर स्थानीय मिश्र तालाब किनारे उन्हें सम्मान के साथ विसर्जित किया गया। इस अवसर पर भुजरिया मिलन का कार्यक्रम भी हुआ। लोगों ने एक-दूसरे को भुजरिया देकर पर्व की शुभकामनाएं दीं।
कजलिया विसर्जन के बाद सभी मंदिरों में लोगों ने पहुंचकर भगवान को कजलिया चढ़ाई और सुख-समृद्धि का आशीर्वाद लिया।
नगर के माता मंदिर चौराहा पर श्री हिंदू उत्सव समिति के अध्यक्ष अनिल चौरसिया, मीडिया प्रभारी सीएल गौर, संतोष यादव, भुवनेश्वर कुशवाहा सहित कार्यकर्ताओं ने कजलियों की शोभायात्रा का स्वागत किया।