कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप से मिले तहसीलदार: मंत्री परिषद के प्रस्ताव को वापस लेने की रखी मांग; न्यायिक और गैर न्यायिक विभाजन का कर रहे विरोध – Ratlam News

कैबिनेट मंत्री चेतन्य काश्यप से मिले तहसीलदार:  मंत्री परिषद के प्रस्ताव को वापस लेने की रखी मांग; न्यायिक और गैर न्यायिक विभाजन का कर रहे विरोध – Ratlam News


चैतन्य काश्यप से मिले तहसीलदार

राजस्व अधिकारियों द्वारा न्यायिक और गैर न्यायिक विभाजन को लेकर लगातार विरोध किया जा रहा है। अधिकारियों की द्वारा हड़ताल की जा रही है। हड़ताल के छठे दिन में तहसीलदारों ने प्रदेश के कैबिनेट मंत्री चैतन्य काश्यप से मुलाकात कर अपनी समस्या बताई। सीएम डॉ. मो

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राजस्व से जुड़े काम हो रहे पेंडिंग मध्यप्रदेश राजस्व अधिकारी कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संगठन के आह्वान पर रतलाम जिले के सभी तहसीलदार और नायब तहसीलदार 6 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर है। कलेक्ट्रेट परिसर में टेंट तंबू के नीचे बैठ हड़ताल पर बैठे हैं। हड़ताल के कारण राजस्व से जुड़े काम भी प्रभावित हो रहे हैं। हड़ताल को राजस्व निरीक्षक, पटवारी संघ, एडवोकेट भी अपना समर्थन दे चुके है।

कैबिनेट मंत्री चैतन्य काश्यप को ज्ञापन सौंपते तहसीलदार व नायब तहसीलदार।

वाहन भी करा चुके है जमा

हड़ताल कर रहे तहसीलदार और नायब तहसीलदारों ने कहा है कि वह आपदा प्रबंधन को छोड़ अन्य कोई काम नहीं करेंगे। सभी ने अपना कामकाज बंद कर दिया है। अपने शासकीय वाहन भी जमा करा दिए है।

तहसीलदारों की प्रमुख मांगे

  • मंत्री परिषद द्वारा राजस्व अधिकारियों के न्यायिक और गैर न्यायिक कार्यों में किए गए विभाजन के आदेश को वापस किया जाए।
  • इस नीति के तहत एक तहसील के सभी राजस्व न्यायालयों को मर्ज कर एक न्यायालय किया जाएगा। जिससे राजस्व न्यायालयों की संख्या कम होने से किसानों की परेशानी कम होने की बजाए बढ़ेगी।
  • राजस्व प्रकरण तथा नामांतरण बंटवारा आदि की पेंडेंसी बढ़ेगी।
  • कई वर्षों से राजस्व कार्यों की दक्षता बढ़ाने के लिए तहसील में स्टाफ तथा रीडर, ऑपरेटर की कमी पूरी करने की मांग की जा रही है। उसकी पूर्ति न करते हुए शासन द्वारा न्यायालय कम किए जा रहे हैं। जो स्टाफ है वह भी पारंगत नहीं है।
  • इस कार्य विभाजन से फील्ड में व्यावहारिक समस्याएं आएगी। जैसे शासकीय भूमि निजी भूमि से अतिक्रमण हटाने, रास्ता विवाद सुलझाने जैसे न्यायालयीन आदेश एक अधिकारी को पारित करने है और उनको क्रियान्वयन दूसरे अधिकारी को कराना है।
  • लगभग 1100 राजस्व अधिकारियों में से 500 राजस्व अधिकारियों को उनके मूल कार्य राजस्व से हटाकर अन्य कार्य करवाए जाने से इनके वेतन का भार राजस्व विभाग पर पड़ेगा। किसानों व जनता को उक्त विभाजन से कोई फायदा नहीं होगा।
  • किसानों के हित में शासन द्वारा प्रति तहसील एक तहसीलदार और दो नायब तहसीलदार के न्यायालय संचालित करने की वर्षों से चली आ रही राजस्व व्यवस्था को यह योजना नष्ट कर रही है।
  • सुशासन की मंशानुरूप एकल खिड़की से निराकरण हो फिर किसानों के लिए डबल खिड़की बनाना किसानों के हित के प्रतिकूल है।
  • न्यायिक, गैर न्यायिक विभाजन से फील्ड में कानून व्यवस्था की स्थिति निर्मित होगी जिसका प्रभावी नियंत्रण न होने से भविष्य में कई समस्याएं उत्पन्न होगी।



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