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ये कहना है इंदौर की रेखा (बदला हुआ नाम) का, रेखा की बेटी करीब एक महीने पहले घर से बिना बताए चली गई। लेकिन आज तक उसका कोई पता नहीं चल सका है। बेटी की याद में मां आज भी रो रही है। माता-पिता ने बताया कि जिसके साथ वह पहले गई थी उस पर केस दर्ज कराया था। जिस दिन वह गई उसके तीन दिन बाद वह जेल से बाहर आने वाला था।
इंदौर में तो वह हमारे पास बहुत अच्छे से रह रही थी। 8वीं के बाद उसने पढ़ाई नहीं की। मैं अपने बच्चे का एडमिशन कराने स्कूल गई थी। पिता काम पर गए थे। उसने कुछ बोला भी नहीं और चली गई। हमारी बेटी कहीं भी रहे, बस हमें ये पता चल जाए कि वह वहां ठीक है। अगर वह दूसरी जगह भी रहना चाहती है तो हमे कोई दिक्कत भी नहीं है।
दूसरी बार उसे कहा ढूंढें, कहां जाएं, किससे पूछें। सबसे बड़ी दिक्कत तो ये है कि ढूंढें तो ढूंढें कहां। मोबाइल नंबर भी नहीं है। हमारे सामने किसी से बात भी नहीं करती थी…।
प्रदेश में सबसे ज्यादा गुमशुदगी इंदौर से
प्रदेश का ये पहला मामला नहीं है जब कोई बच्ची अचानक ही घर से लापता हुई हो और वर्षों तो उसका कोई सुराग न मिले। दरअसल, विधानसभा में कांग्रेस विधायक सचिन यादव द्वारा पूछे गए सवाल में चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं।
विधायक यादव के सवालों पर मिले जवाब के मुताबिक मप्र में बीते साढे़ चार सालों में करीब 58 हजार से ज्यादा बच्चे गुम हुए हैं। इनमें 47 हजार बेटियां और 11 हजार बेटे गायब हुए हैं। बच्चों के गुम होने की जो जानकारी विधानसभा में दी गई है। उसमें ये सामने आया है कि सबसे ज्यादा बच्चे इंदौर से गायब हो रहे हैं।
इंदौर शहर के जिन थानों से बच्चे गायब हो रहे हैं उनमें, बाणगंगा थाना क्षेत्र से सबसे ज्यादा 449 बेटियां गुम हुई हैं। दूसरे नंबर पर लसूडिया से 250, चंदन नगर से 220, आजाद नगर से 178, द्वारका पुरी से 168 बेटियां गुम हुई हैं। बच्चियों के गुम होने के मामले में धार जिला दूसरे नंबर पर है।
जाने इंदौर से लापता हुई बच्ची के परिवार की स्थिति दरअसल, इंदौर के लसूडिया थाना क्षेत्र के राहुल गांधी नगर में रहने वाले एक परिवार की 16 साल की बेटी घर से अचानक लापता हो गई। परिवार ने इंदौर के साथ ही जिस गांव में वे रहते थे। वहां सब जगह उसकी तलाश की, लेकिन बेटी का पता नहीं चला।
आलम यह रहा कि बेटी के गम में माता-पिता का खाना और काम पर जाना तक छूट गया था। उसे लापता हुए 1 महीना हो गए। मजबूरी में माता-पिता दोनों ही अपने-अपने काम पर जाने तो लगे लेकिन उनकी आंखें हमेशा बेटी को तलाशती रहती है।
पुलिस ने शिकायत दर्ज करने से मना किया लापता बच्ची के पिता ने बताया कि उनकी बेटी की उम्र 16 साल है। उसके लापता होने का बाद उसे जहां-जहां संभव हो सकता था वहां उसकी तलाश की, लेकिन उसका पता नहीं चला। हमारे रिश्तेदार, जहां हम रहते है उसके आसपास सभी जगह बेटी की तलाश की, लेकिन वह नहीं मिली। रिश्तेदारों के यहां भी पूछ लिया। जहां वो जा सकती थी वहां भी पूछा, मगर उसका पता नहीं चला। सब जगह जानकारी निकाली मगर उसका पता नहीं चला।
जब उसका कहीं पता नहीं चला तो मैं पुलिस की मदद लेने के लिए थाने गया। रात में पुलिस ने कहा कि सुबह मकान मालिक को लेकर आना। सुबह मकान मालिक के साथ पहुंचा तो पुलिस ने हमारी रिपोर्ट लिखी। पुलिस वालों ने कहा कि हम आपकी बेटी को तलाशने की कोशिश करेंगे।
अगर आपको पता चले तो हमें भी बताना। हम भी तलाश कर रहे है, आप भी तलाश करो। दो से तीन दिन पहले भी मैं थाने पर गया था। पुलिस वालों ने कहा कि हम कोशिश कर रहे है। पुलिस वालों ने पूछा कि किसी पर शंका है क्या ? हमने कहा कि हमको पता हो तो हम बताएं।
एक बार पहले भी कहीं चली गई थी उन्होंने बताया कि रंगपंचमी के दौरान हम गांव में थे। तभी भी वह कहीं लापता हो गई थी। कुछ दिनों बाद उसका पता चला। उसने ही फोन कर बताया था। जिसके बाद हम उसे वापस लेकर आए। जिसके साथ गई थी, उसकी शिकायत थाने में की थी। इसके बाद हम इंदौर आ गए। यहां पर वह अच्छे से रह रही थी। फिर अचानक वह 5 जुलाई को वह लापता हो गई।
पिता ने बताया कि हमें उसी पर शंका है, लेकिन हमने वहां भी पता किया, पर उसका पता नहीं चला। बेटी जिस दिन गई उस दिन मैं ड्यूटी पर गया था। सुबह घर पर कोई नहीं था पत्नी भी काम पर गई थी। ड्यूटी से आया तो कमरे का गेट खुला हुआ था।
काफी देर बाद भी नहीं आई तो पत्नी को कॉल करके पूछा उसे भी जानकारी नहीं थी। आसपास तलाश किया, लेकिन उसका पता नहीं चला। एक जगह सीसीटीवी कैमरे में देखा तो वह जाते हुए दिखी, लेकिन वहां से कहा गई उसका पता नहीं चला। मेरे 4 बच्चे हैं। 3 लड़की और 1 लड़का है। जो बेटी लापता हुई है वह दूसरे नंबर की है।
अब जानिए किस जिले से कितने बच्चे गुम हुए?

अब जानिए किस जिले के किन 5 थाना क्षेत्रों से सबसे ज्यादा बेटियां गुम हुईं
ग्वालियर जिला: (कुल गुम हुए बच्चे- 1857,लड़कियां-1268, लड़के-589) ग्वालियर जिले में सबसे ज्यादा ग्वालियर थाने से 106 बच्चियां गुम हुई हैं। दूसरे नंबर पर डबरा से 90, मुरार से 88 जनकगंज से 86, बहोड़ापुर से 72 बच्चियां गुम हुई हैं।
शिवपुरी जिला: (गुम हुए कुल बच्चे- 960, बेटियां- 764 बेटे- 196) शिवपुरी जिले में पिछोर थाने से सबसे ज्यादा 88 बच्चियां गुम हुई हैं। कोतवाली थाना क्षेत्र से 80, करेरा से 55, बैराड़ से 49 कोलारस और देहात थाना क्षेत्रों से 46- 46 बेटियां गुम हुई हैं।
गुना जिला; (कुल गुम हुए बच्चे: 795, बेटियां – 662, बेटे – 133) गुना जिले में सबसे ज्यादा 98 बच्चियां कैंट थाना क्षेत्र से गुम हुई हैं। दूसरे नंबर पर कोतवाली से 80 आरोन से 79, चाचौड़ा से 60, राघौगढ़ से 45 बेटियां गुम हुई हैं।
अशोक नगर जिला: (कुल गुम हुए बच्चे- 571, बेटियां – 455, बेटे – 116) अशोकनगर जिले के कोतवाली थाना क्षेत्र से सबसे ज्यादा 74 बेटियां गुम हुई दूसरे नंबर पर देहात थाने से 70 चंदेरी से 53 बहादुरपुर से 52, मुंगावली से 41 बेटियां गायब हुई है।
मुरैना जिला; (कुल गुम हुए बच्चे- 667, बेटियां- 417, बेटे- 250) मुरैना जिले में सबसे ज्यादा 52 बेटियां जौरा थाना क्षेत्र से गुम हुई हैं। दूसरे नंबर पर कोतवाली से 47, अंबाह से 46 सबलगढ़ से 39 और सिविल लाइन से 37 बेटियां गायब हुई हैं।
भिंड जिला: (कुल गुम हुए बच्चे- 679, बेटियां-495, बेटे-184) भिंड जिले में सबसे ज्यादा 70 बेटियां देहात थाना क्षेत्र से गायब हुई दूसरे नंबर पर कोतवाली से 66 मेहगांव से 39 रोन से 32 और लहर थाना क्षेत्र से 27 बच्चियों गुम हुई है
श्योपुर जिला: (कुल गुम हुए बच्चे 208, बेटियां- 157, बेटे- 51) श्योपुर जिले में सबसे ज्यादा कोतवाली थाना क्षेत्र से 36 बच्चियां गुम हुई हैं। दूसरे नंबर पर बड़ौदा से 22, विजयपुर से 18, देहात से 16, कराहल और मानपुर थाना क्षेत्र से 14- 14 बच्चियां गुम हुई है।
दतिया जिला: (कुल गुम हुए बच्चे 359, बेटियां-284 बेटे- 75) दतिया जिले में सबसे ज्यादा 60 बेटियां कोतवाली थाने से गुम हुई है इंदरगढ़ से 26 भांडेर से 25 सिविल लाइन से 20 बड़ौनी से 16 उन्नाव से 15 बेटियां गायब हुई है।


खरगोन: कुल गुम हुए बच्चे- 1812, बेटियां- 1592, बेटे-220 खरगोन जिले के कसरावद थाना क्षेत्र से सबसे ज्यादा 171 बच्चियां गुम हुई हैं। दूसरे नंबर पर ऊन से 136, भीकनगांव से 134, बड़वाह से 110, सनावद से 97 बच्चियां गुम हुईं।
खंडवा: कुल गुम हुए बच्चे- 986, बेटियां- 884, बेटे-102 खंडवा जिले में खालवा थाना क्षेत्र से सबसे ज्यादा 146 बच्चियां गुम हुई हैं। दूसरे नंबर पर पिपलोद से 92, हरसूद से 87, मूंदी से 74, मंधाता से 72 बच्चियां गुम हुई हैं।
बड़वानी: कुल गुम हुए बच्चे- 863, बेटियां- 816, बेटे-47 बड़वानी जिले में बड़वानी थाने से सबसे ज्यादा 160 बच्चियां गुम हुईं। दूसरे नंबर पर अंजड़ से 120, ठीकरी से 88, राजपुर से 80, सेंधवा ग्रामीण से 76 बच्चियां गुम हुई हैं।
बुरहानपुर: कुल गुम हुए बच्चे- 496, बेटियां- 385, बेटे-111 बुरहानपुर जिले में सबसे ज्यादा 93 बच्चियां शाहपुर थाना क्षेत्र से गुम हुई हैं। दूसरे नंबर पर खकनार से 91, निम्बोला से 59, नेपानगर से 58, और लालबाग से 40 बच्चियां गायब हुई हैं।
उज्जैन: कुल गुम हुए बच्चे- 1324, बेटियां- 1079, बेटे-245 मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के गृह जिले उज्जैन के बड़नगर थाना क्षेत्र से सबसे ज्यादा 96 बच्चियां गुम हुई हैं। चिमगंज से 84, पंवासा से 68, खाचरौद से 63, माधवनगर से 60 बच्चियां गायब हुई हैं।
देवास: कुल गुम हुए बच्चे- 1200, बेटियां- 1057, बेटे-143 देवास जिले में बागली थाना क्षेत्र से सबसे ज्यादा 118 बच्चियां गायब हुई हैं। औद्योगिक क्षेत्र थाना क्षेत्र से 116, उदयनगर से 94, सिविल लाइन से 80, कन्नौद से 74 बच्चियां गायब हुई हैं।
शाजापुर: कुल गुम हुए बच्चे- 459, बेटियां- 371, बेटे-88 शाजापुर जिले के थाना क्षेत्र से सबसे ज्यादा 54 बच्चियां गुम हुई हैं। दूसरे नंबर पर कालापीपल से 52, कोतवाली से 49, मो.बडोदिया, अ.बडोदिया और शुजालपुर सिटी थाना क्षेत्रों से 32-32 बच्चियां गुम हुई हैं।
आगर मालवा: कुल गुम हुए बच्चे-206, बेटियां- 175, बेटे-31 आगर मालवा जिले में सबसे ज्यादा 47 बच्चियां आगर मालवा थाना क्षेत्र से गायब हुई हैं। दूसरे नंबर पर नलखेडा से 41, सुसनेर से 39, बडोद से 21 और सोयत कला से 17 बच्चियां गायब हुई हैं।
रतलाम: कुल गुम हुए बच्चे-1788, बेटियां- 1600, बेटे-188 रतलाम जिले के रावटी थाना क्षेत्र से सबसे ज्यादा 247 बच्चियां गायब हुई हैं। बिलपांक से 149, शिवगढ़ से 147, डीडी नगर से 144, सरवन से 134 बच्चियां गुम हुई हैं।
मंदसौर: कुल गुम हुए बच्चे-789, बेटियां- 653, बेटे-136 मंदसौर जिले में सबसे ज्यादा 72 बच्चियां कोतवाली थाना क्षेत्र से गायब हुई हैं। दूसरे नंबर पर वायडीनगर से 65, सीतामऊ से 62, गरोठ से 56, शामगढ़ से 48 बेटियां गायब हुई हैं।
नीमच: कुल गुम हुए बच्चे-438, बेटियां- 369, बेटे-69 नीमच जिले में सबसे ज्यादा 76 बच्चियां नीमच सिटी थाने से गुम हुई हैं। दूसरे नंबर पर जावद से 64, मनासा से 45, बघाना से 33, जीरन से 32 और रतनगढ़ से 29 बेटियां गायब हुई हैं।
जबलपुर:कुल गुम हुए बच्चे-2685, बेटियां- 2048, बेटे-637 जबलपुर जिले के शहपुरा थाना क्षेत्र से सबसे ज्यादा 147 बेटियां गायब हुई हैं। दूसरे नंबर रांझी से 137, कटंगी से 126, सिहोरा से 107, विजयनगर से 97 बेटियां गायब हुई हैं।
कटनी: कुल गुम हुए बच्चे-1192, बेटियां- 952, बेटे-240 कटनी जिले के माधवनगर थाना क्षेत्र से सबसे ज्यादा 110 बेटियां गायब हुई हैं। दूसरे नंबर पर कुठला से 94, स्लीमनाबाद, बड़वारा से 82, ढीमरखेड़ा से 71 बेटियां गायब हुई हैं।
नरसिंहपुर: कुल गुम हुए बच्चे-990, बेटियां- 832, बेटे-158 नरसिंहपुर जिले के गाडरवारा थाना क्षेत्र से सबसे ज्यादा 137 बच्चियां गायब हुई हैं। दूसरे नंबर पर गोटेगांव से 107, नरसिंहपुर से 96, स्टेशनगंज से 89 और करेली से 83 बच्चियां गुम हुई हैं।
छिंदवाड़ा: कुल गुम हुए बच्चे-1049, बेटियां- 933, बेटे-116 छिंदवाड़ा जिले में सबसे ज्यादा 100 बेटियां अमरवाड़ा थाने से गायब हुई हैं। दूसरे नंबर पर कुंडीपुरा से 82, कोतवाली से 60, दमुआ से 58, उमरेठ से 54 बच्चियां गुम हुई हैं।
पांढुर्णा: कुल गुम हुए बच्चे-138, बेटियां- 128, बेटे-10 पांढुर्णा जिले में सबसे ज्यादा 66 बच्चियां पांढुर्णा से गायब हुई हैं। दूसरे नंबर पर सौंसर से 34, मोहगांव और लोधीखेड़ा से 14-14 बच्चियां गायब हुई हैं।
सिवनी: कुल गुम हुए बच्चे-990, बेटियां- 858, बेटे-132 सिवनी जिले में सबसे ज्यादा 83 बच्चियां बरघाट थाने से गुम हुई हैं। इसके बाद सिवनी से 79 लखनादौन से 69, केवलारी से 66, कुरई से 65 बच्चियां गायब हुई हैं।
सागर: कुल गुम हुए बच्चे-2229, बेटियां- 1743, बेटे-486 सागर जिले में सबसे ज्यादा 192 बच्चियां मोती नगर थाना क्षेत्र से गायब हुई हैं। दूसरे नंबर पर मकरोनिया से 138, बंड़ा से 103, रहली से 97, राहतगढ़ से 92 बच्चियां गायब हुई हैं।
पन्ना: कुल गुम हुए बच्चे-841, बेटियां- 687, बेटे-154 पन्ना जिले में सबसे ज्यादा कोतवाली थाना क्षेत्र से 115 बच्चियां गुम हुई हैं। इसके बाद सिमरिया थाना क्षेत्र से 71, अमानगंज से 67, ब्रजपुर, पवई से 60-60 बच्चियां गायब हुई हैं।
दमोह: कुल गुम हुए बच्चे-813, बेटियां- 657, बेटे-156 दमोह जिले के पथरिया थाना क्षेत्र से 84, दमोह देहात से 81, कोतवाली से 72, नोहटा से 55, हटा से 48 बच्चियां गायब हुई हैं।
छतरपुर: कुल गुम हुए बच्चे-1325, बेटियां- 1044, बेटे-281 छतरपुर जिले में सिविल लाइन थाना क्षेत्र से 102 बच्चियां गुम हुई हैं। दूसरे नंबर पर कोतवाली से 76, नौगांव से 76, बमीठा से 75, बक्सवाहा से 54 बेटियां गायब हुई हैं।