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Baba Mahakal Sawari Ujjain News: भादो के पहले सोमवार को बाबा महाकाल नगर भ्रमण पर निकले. इस दौरान हर ओर ‘जय महाकाल’ के जयकारों से उज्जैन गूंज उठा. बाबा ने…
भगवान महाकाल की सवारी श्री महाकालेश्वर मंदिर के सभा मंडप में पूजा-अर्चना करने के बाद अपने निर्धारित समय पर शुरू होकर मंदिर के मुख्य द्वार पर पहुंची. यहां सशस्त्र पुलिस बल के जवानों द्वारा भगवान श्री महाकाल को सलामी दी गई. इसके बाद सवारी गुदरी चौराहा, पटनी बाजार, कहारवाड़ी से होते हुए रामघाट शिप्रा तट पहुंची. यहां पूजन-अर्चन होने के बाद सवारी रामानुजकोट, मोढ़ की धर्मशाला, कार्तिक चौक, खाती समाज मंदिर, सत्यनारायण मंदिर, ढाबा रोड, टंकी चौराहा, छत्री चौक, गोपाल मंदिर, पटनी बाजार, गुदरी बाजार होती हुई श्री महाकालेश्वर मंदिर पहुंची.
सवारी में भगवान महाकाल पांच स्वरूप में भक्तों को दर्शन दे रहे हैं. श्री महाकालेश्वर भगवान की पंचम सवारी में चार जनजातीय एवं लोक नृत्य कलाकारों के दल शामिल हो रहे हैं. पालकी में श्री चंद्रमौलेश्वर, गजराज पर श्री मनमहेश, गरुड़ रथ पर श्री शिव तांडव, नंदी रथ पर श्री उमा-महेश और डोल रथ पर श्री होल्कर स्टेट के मुखारविंद शामिल हो रहे हैं. श्री महाकालेश्वर भगवान की सवारी निकलने के बाद भगवान को सशस्त्र बल की टुकड़ी सलामी देगी. उसके बाद भगवान श्री चंद्रमौलेश्वर पालकी में विराजित होकर नगर भ्रमण पर निकले. अंतिम और राजसी सवारी 18 अगस्त को निकलेगी.
जनजातीय नृत्य और झांकी रही आकर्षण का केंद्र
इस बार सवारी में पालकी भजन मंडली के अलावा चार जनजातीय कलाकारों के दल भी प्रस्तुति दी गईं, जिसमे बैतूल से गोंड जनजातीय ठाट्या नृत्य, खजुराहो से कछियाई लोक नृत्य, दमोह से बधाई लोक नृत्य और डिंडौरी के गेड़ी जनजातीय नृत्य की प्रस्तुतियां आकर्षण का केंद्र रही. साथ ही सवारी के साथ मध्य प्रदेश के धार्मिक पर्यटन स्थलों की झांकियां भी शामिल हुईं. जिसमे श्री राजाराम लोक ओरछा, मां बगलामुखी माता मंदिर, मां शारदा शक्तिपीठ मैहर और देवीलोक मां श्री बिजासन माता धाम सलकनपुर की प्रतिकृतियां प्रदर्शित की गईं.