ऐसे करें मिर्च की खेती, दूर भागेंगे ये खतरनाक कीट, एक्सपर्ट से जानें तरीका

ऐसे करें मिर्च की खेती, दूर भागेंगे ये खतरनाक कीट, एक्सपर्ट से जानें तरीका


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Agriculture Tips: यह प्रक्रिया हर 15 दिन में एक बार करें, साथ ही एक हफ्ते जैविक घोल और अगले हफ्ते रासायनिक दवाओं का छिड़काव करते रहें. इससे कीटों पर पूरी तरह नियंत्रण पाया जा सकेगा. यह तरीका सस्ता और पूरी तरह स…और पढ़ें

खरगोन. मध्य प्रदेश के खरगोन सहित कई जिलों में मिर्च की फसल में कीटों का हमला होना आम बात है. पत्तियां खाने वाले और रस चूसने वाले कीट पौधों की वृद्धि रोक देते हैं, जिससे उपज घट जाती है. अगर आप मिर्च की खेती करते हैं और बार-बार पत्तियां खाने वाले या रस चूसने वाले कीट आपकी फसल बर्बाद कर देते हैं, तो अब चिंता छोड़ दें. खरगोन के कृषि वैज्ञानिक ने ऐसा देसी और सस्ता तरीका बताया है, जिसे अपनाने से ये कीट खेत में टिक ही नहीं पाएंगे. खास बात यह है कि इससे फसल भी सुरक्षित रहेगी और उत्पादन भी बढ़ेगा. लगातार रासायनिक दवाओं का छिड़काव करने से मिट्टी की उर्वरता भी घटने लगती है. ऐसे में विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि किसान कीटनाशकों के साथ-साथ जैविक घोल का भी छिड़काव करें, जिससे कीट नियंत्रण भी हो और मिट्टी की गुणवत्ता भी बनी रहे.

खरगोन कृषि विज्ञान केंद्र के उद्यानिकी वैज्ञानिक डॉ एसके त्यागी लोकल 18 को बताते हैं कि मिर्च की फसल में दो बड़े कीट, रस चूसने वाले और पत्तियां खाने वाले कीट सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाते हैं. इन्हें रोकने के लिए किसान महीने में चार बार रासायनिक दवाओं का छिड़काव करते हैं, जिससे खर्च भी बढ़ जाता है. खर्च कम करने और कीट नियंत्रण के लिए रासायनिक और जैविक घोल का बारी-बारी से छिड़काव करना सबसे अच्छा तरीका है.

8-8 दिन के अंतराल में करें छिड़काव
उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया हर 15 दिन में एक बार करें, साथ ही एक सप्ताह जैविक घोल और अगले सप्ताह रासायनिक दवाओं का छिड़काव करते रहें, जिससे कीटों पर पूरी तरह नियंत्रण पाया जा सके. यह तरीका पूरी तरह सुरक्षित और सस्ता है. इससे न केवल फसल की सुरक्षा होती है बल्कि मिट्टी की उर्वरता भी लंबे समय तक बनी रहती है. समय-समय पर इस उपाय को अपनाने से मिर्च की खेती में नुकसान की संभावना काफी कम हो जाती है.

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