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Fenugreek Farming Tips: जानें मेथी की बुवाई का सही समय और तरीका, जिससे आपकी पैदावार दोगुनी हो सकती है. एक्सपर्ट टिप्स के साथ जानें मिट्टी, बीज, खाद, सिंचाई और रोग नियंत्रण के आसान उपाय.
मेथी की खेती का तरीका: अगर आप मेथी की खेती करने का सोच रहे हैं, तो टाइमिंग ही सबसे बड़ा गेम-चेंजर है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर आपने बुवाई का सही समय और तरीका पकड़ लिया, तो पैदावार दोगुनी हो सकती है और मुनाफा भी.
मिट्टी और तैयारी
बीज का चयन और बुवाई
बीजों को बुवाई से 12 घंटे पहले पानी में भिगो दें.
बीजों को 2-3 सेंटीमीटर की गहराई में बोएं और पौधों के बीच उचित दूरी रखें.
बुवाई के तुरंत बाद हल्की सिंचाई करें और फिर हर 7-10 दिन में पानी दें. पानी भरने से बचें वरना जड़ें सड़ सकती हैं. खरपतवार को समय-समय पर हटाते रहें – पहली गुड़ाई 20-25 दिन बाद, दूसरी 40-45 दिन बाद करें.
गोबर की खाद या कम्पोस्ट के साथ-साथ नाइट्रोजन, फॉस्फोरस, पोटाश (NPK) का संतुलित उपयोग पैदावार बढ़ाता है. एफिड और जड़ गलन से बचाने के लिए नीम के तेल या जैविक कीटनाशक का छिड़काव करें. बीमार पौधों को तुरंत खेत से बाहर करें.
मेथी बुवाई के 30-35 दिन बाद तैयार हो जाती है. जब पत्तियां हरी और मुलायम हों, तभी कटाई करें. बार-बार पत्तियां तोड़ने से नई पत्तियां निकलती हैं, जिससे फसल का क्वालिटी और क्वांटिटी दोनों बढ़ जाते हैं.