सतना के चंदन सिंह की अनोखी बगिया, यहां दिखेंगे देश-विदेश के दुर्लभ पौधे

सतना के चंदन सिंह की अनोखी बगिया, यहां दिखेंगे देश-विदेश के दुर्लभ पौधे


सतना. मध्य प्रदेश के सतना जिले के ग्राम सुहास के निवासी चंदन सिंह ने खेती को सिर्फ पेशा नहीं बल्कि जुनून और जीवनशैली बना लिया है. उनकी बगिया आज देश और विदेश से मंगाए गए सैकड़ों अनोखे और दुर्लभ पौधों का घर है. जैव विविधता के क्षेत्र में कई बार सम्मानित हो चुके चंदन न सिर्फ खुद खेती करते हैं बल्कि अन्य किसानों को भी खेती की नई राह दिखा रहे हैं. लोकल 18 से बातचीत में चंदन सिंह बताते हैं कि उनका खेती के प्रति रुझान पैतृक देन है लेकिन असली प्रेरणा उन्हें शमी के पेड़ से मिली. शमी की खूबसूरती ने उनका मन मोह लिया. साल 2003 में उन्होंने पहला शमी का पौधा लगाया, फिर पारिजात का और फिर उसके बाद धीरे-धीरे अलग-अलग किस्मों के पौधे लगाते चले गए.

चंदन सिंह वर्तमान में 15 एकड़ जमीन पर विभिन्न प्रकार की फसलों की खेती कर रहे हैं जबकि डेढ़ एकड़ में फल, फूल और औषधीय पौधे उगाते हैं. पारंपरिक खेती को आधुनिक तकनीक के साथ मिलाकर उन्होंने गेहूं, चना, धान, कोदो जैसी फसलों का उत्पादन किया है. वह पूरी तरह जैविक खाद का उपयोग करते हैं, जिसमें केचुआ खाद, गौमूत्र और कृषि अवशेष आदि शामिल हैं.

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350 प्रजातियों का अनोखा संग्रह
उनकी बगिया में 350 से अधिक प्रजातियों के पौधे हैं, जिनमें फल-फूल, सब्जियां, शोपीस प्लांट और औषधीय पौधे शामिल हैं. औषधीय पौधों में इन्सुलिन, सतावर, सफेद मूसली, हर्र, पथरचट्टा, गुड़मार, हल्दी पीली और काली, ब्राह्मिलता, गरुड़ और रुद्राक्ष जैसे पौधे हैं. फलदार पौधों में ब्लैक मैंगो, स्टार फ्रूट, ड्रैगन फ्रूट, लाल केला, शहतूत, 15 किस्म के आम, सेब, चेरी, लीची, बीही, अमला और कई तरह के बेर शामिल हैं. फूलों में 20 प्रकार के गुलाब, जूही, मधुमल, 15 प्रकार के गुड़हल, तीन प्रकार के कुंद, वैजयंती, नागचंपा, स्वर्णचंपा और ब्रह्मकमल जैसे दुर्लभ फूल शामिल हैं. शोपीस प्लांट्स में अशोक, क्रिसमस ट्री, सिल्वर पाम और पेंसिल पाम जैसे कई पेड़ उनकी बगिया की शोभा बढ़ाते हैं.

मुफ्त में पौधों का वितरण और प्रेरणा
चंदन सिंह सिर्फ पौधे उगाने तक सीमित नहीं रहते बल्कि आसपास के किसानों और ग्रामीणों को मुफ्त में पौधे और बीज भी देते हैं. अब तक वह 10–12 गांवों के लगभग 50 किसानों को ऐसे पौधे दे चुके हैं, जिससे वे भी इनकी खेती कर मुनाफा और अनुभव हासिल कर सकें. उनका उद्देश्य सिर्फ मुनाफा कमाना नहीं बल्कि पर्यावरण संरक्षण और जैव विविधता का संदेश फैलाना है.



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