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BU को NAAC का ‘A’ ग्रेड मिला है. इस पर छात्रों ने सवाल उठाए हैं. उनका कहना है कि कम अटेंडेंस, जर्जर इमारतें और स्थायी शिक्षकों की कमी के चलते यह ग्रेड कैसे मिल सकता है.

छात्रों के मुताबिक, कैंपस में कई गंभीर समस्याएं हैं जैसे कम क्लास अटेंडेंस, जर्जर होती इमारतें और स्थायी शिक्षकों की भारी कमी. उनका कहना है कि ये मुद्दे NAAC की मूल्यांकन प्रक्रिया में ठीक से शामिल ही नहीं किए गए.
छात्रों ने बताया कि कक्षाओं में उपस्थिति बेहद कम रहती है, जिसका कारण नीरस लेक्चर और अन्य वजहें हैं. इसका सीधा असर पढ़ाई की गुणवत्ता पर पड़ रहा है. वहीं, कई इमारतें पुरानी और खराब हालत में हैं. लैब में जरूरी उपकरणों की कमी है, जिससे पढ़ाई और शोध कार्य प्रभावित हो रहे हैं. उनका कहना है कि सबसे बड़ी समस्या स्थायी शिक्षकों की कमी है. 2014 से भर्ती रुकी हुई है और 104 स्वीकृत पदों में से सिर्फ 45 ही भरे गए हैं. इसका नतीजा यह है कि कई विभाग गेस्ट फैकल्टी पर निर्भर हैं, जिनके अनुभव और उपलब्धता सीमित होती है.
NAAC की रेटिंग की विश्वसनीयता पर सवाल
M.Tech के एक छात्र ने कहा- ये सारी समस्याएं NAAC की रेटिंग की विश्वसनीयता पर सवाल उठाती हैं. क्या NAAC सच में पूरी तस्वीर देख रहा है? वहीं, BU के पूर्व छात्र धर्मेंद्र सिंह गौर ने कहा- अगर बदलाव नहीं हुए तो BU का भविष्य खतरे में पड़ सकता है. एक अन्य छात्र ने अपना नाम लिए बिना कहा- बोलकर, हम एक बदलाव लाने की उम्मीद कर रहे हैं. हम चाहते हैं कि अधिकारी उनकी शिकायतों को गंभीरता से लें और समस्याओं को दूर करने के लिए कार्रवाई करें.
छात्रों ने मांग की है कि NAAC दोबारा विस्तृत समीक्षा करे और प्रबंधन स्थायी भर्ती, भवनों की मरम्मत और अटेंडेंस सुधारने पर तुरंत काम शुरू करे. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस मामले में विश्वविद्यालय प्रबंधन से संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी.
Dallu Slathia is a seasoned digital journalist with over 6 years of experience, currently leading editorial efforts across Madhya Pradesh and Chhattisgarh. She specializes in crafting compelling stories across …और पढ़ें
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