केदारनाथ धाम तक श्रद्धालुओं का रास्ता फिर से खुले: सिंधिया ने सीएम को लिखा पत्र; SDRF से चट्टान हटाने की मांग, तीन साल से बंद है – Guna News

केदारनाथ धाम तक श्रद्धालुओं का रास्ता फिर से खुले:  सिंधिया ने सीएम को लिखा पत्र; SDRF से चट्टान हटाने की मांग, तीन साल से बंद है – Guna News


चट्टान में लगभग एक फीट चौड़ी दरार आ गई है।

गुना जिले के प्रसिद्ध शिव मंदिर केदारनाथ धाम तक आम श्रद्धालुओं की पहुंच फिर से सुगम हो सके, इसके लिए केंद्रीय संचार एवं पूर्वोत्तर क्षेत्र विकास मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव को पत्र लिखा है। उन्होंने मंदिर मार्ग से चट्टान

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तीन साल से बंद है मंदिर तक पहुंचने का रास्ता

जिला मुख्यालय से लगभग 20 किलोमीटर दूर स्थित केदारनाथ धाम शिवभक्तों की आस्था का प्रमुख केंद्र है। पहाड़ी की तलहटी में स्थित यह मंदिर सावन के महीने में हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। लेकिन, लगभग तीन साल पहले मंदिर मार्ग की पहाड़ी पर एक बड़ी चट्टान में दरार आने के बाद, सुरक्षा कारणों से आम लोगों के लिए मंदिर के मुख्य द्वार से अंदर जाना बंद कर दिया गया।

GSI सर्वे में मार्ग को बताया असुरक्षित

गुना प्रशासन और जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया (GSI) द्वारा किए गए सर्वे में यह क्षेत्र बेहद संवेदनशील पाया गया। रिपोर्ट के अनुसार, पहाड़ी की रॉक मास रेटिंग (RMR) 40 और स्लोप मास रेटिंग (SMR) 28 है, जो चौथी श्रेणी में आती है।

इसका मतलब है कि यहां पहाड़ी टूटने और चट्टानों के गिरने की संभावना बहुत अधिक है। विशेषज्ञों ने फिलहाल इस रास्ते को आम लोगों के लिए बंद रखने और सुरक्षा के लिए रॉक कैचर (तार की जाली) लगाने का सुझाव दिया है।

सिंधिया ने उठाई कार्रवाई की मांग

केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने अपने पत्र में लिखा है कि इस धार्मिक स्थल के मार्ग को खोलना जिले के श्रद्धालुओं की भावनाओं से जुड़ा विषय है। उन्होंने बताया कि स्थानीय जनप्रतिनिधि और लोग समय-समय पर मंदिर को फिर से श्रद्धालुओं के लिए खोलने की मांग करते रहे हैं, लेकिन सुरक्षा कारणों से प्रशासन अभी तक कार्रवाई नहीं कर पाया।

बोले- SDRF को सौंपी जाए जिम्मेदारी

सिंधिया ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में बताया कि जिला प्रशासन ने पहले ही 11 जुलाई 2025 को SDRF को चट्टान हटाने के लिए पत्र भेजा है। उन्होंने आग्रह किया कि राज्य स्तर से SDRF को शीघ्र कार्रवाई के निर्देश दिए जाएं, ताकि मंदिर मार्ग को सुरक्षित बनाया जा सके और श्रद्धालुओं को फिर से मंदिर में प्रवेश की सुविधा मिल सके।

धार्मिक भावना और जनआस्था का हो सम्मान

अपने पत्र के अंत में सिंधिया ने लिखा है कि यह सिर्फ एक विकास कार्य नहीं, बल्कि लोगों की धार्मिक आस्था से जुड़ा विषय है। अगर मंदिर का रास्ता दोबारा खोला जाता है, तो इससे ना केवल श्रद्धालुओं को सहूलियत मिलेगी, बल्कि स्थानीय जनभावनाओं का भी सम्मान होगा। साथ ही मंदिर परिसर में पूजा-अर्चना जैसे धार्मिक आयोजन भी फिर से शुरू हो सकेंगे।

सिंधिया द्वारा सीएम को लिखा गया पत्र।



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