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Animal Care Tips: गाय-भैंस घर का मान होती हैं लेकिन जब ये कम दूध देती हैं, तो चिंता बढ़ना लाजिमी है. ऐसे समय में देसी नुस्खे सबसे सस्ते और असरदार माने जाते हैं. (रिपोर्ट:सावन पाटिल)
भारत के करोड़ों किसान और ग्रामीण परिवार आज भी पशुपालन पर निर्भर हैं. गाय-भैंस घर का मान होती हैं लेकिन जब ये कम दूध देती हैं, तो चिंता बढ़ना लाजिमी है. ऐसे समय में देसी नुस्खे सबसे सस्ते और असरदार माने जाते हैं. नीचे एक ऐसा ही नुस्खा दिया गया है, जिसे अपनाकर आप अपने पशु का दूध उत्पादन बढ़ा सकते हैं.

दरअसल, गाय या भैंस का दूध कम होने के कई कारण हो सकते हैं, जैसे- पाचन बिगड़ना, शरीर में कमजोरी, प्रसव के बाद थकावट, चारा कम खाना या गर्मी-सर्दी से असर पड़ना. देसी नुस्खे के लिए जो चीजें चाहिए, वो हर घर पर आसानी से मिल जाती हैं.

इसके लिए चाहिए- मेथी दाना, सौंफ, अजवाइन, काला नमक, सूखा आंवला पाउडर, हल्दी और गुड़. सबसे पहले मेथी, सौंफ और अजवाइन को हल्का सा भून लें. फिर इन्हें ठंडा करके पीस लें. अब इसमें आंवला पाउडर, काला नमक और हल्दी पाउडर मिला लें. अंत में इसमें गुड़ के छोटे-छोटे टुकड़े डालकर अच्छे से मिला लें. इसे एक डिब्बे में बंद करके रख लें.

हर दिन सुबह और शाम खाने के बाद एक बड़ा चम्मच मिश्रण पशु को दें. चाहें तो इसे चोकर या गुड़ में मिलाकर खिलाएं. गर्भवती पशु को दिन में एक बार ही दें. तीन से 7 दिन के भीतर ही इसका असर नजर आने लगता है. पशु की भूख बढ़ेगी, पाचन ठीक होगा और दूध ज्यादा आएगा.

मेथी और सौंफ पाचन को दुरुस्त करते हैं. अजवाइन गैस और अपच दूर करती है. काला नमक और हल्दी शरीर को अंदर से साफ करते हैं. आंवला रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है. गुड़ ताकत देता है और खून साफ करता है.

पशु को साफ और ताजा पानी दें. हरी घास, भूसा और दाने का संतुलन रखें. पशु को खुला वातावरण और हल्की टहल जरूरी है. धूप में कुछ देर छोड़ने से शरीर सक्रिय रहता है. सौंफ और गुड़ का पानी पिलाना भी फायदेमंद होता है.

इससे शरीर ठंडा रहता है और भूख भी खुलती है. सारी सामग्री 50 से 100 रुपये में तैयार हो जाती है. इसका कोई साइड इफेक्ट नहीं है और इसका असर भी तेज होता है. यह कोई नया नुस्खा नहीं बल्कि बुजुर्गों द्वारा पीढ़ियों से आजमाया जा रहा है.

आज भी बहुत से सफल पशुपालक यही तरीका अपनाते हैं. अगर आपकी गाय या भैंस दूध कम दे रही है, तो यह देसी नुस्खा एक बार जरूर आजमाएं. यह न केवल दूध बढ़ाएगा बल्कि पशु को चुस्त-दुरुस्त भी बनाएगा. ज्यादा खर्च नहीं, बस थोड़ा समय और नियमितता चाहिए.