देश के विभाजन की त्रासदी को याद करते हुए भारतीय जनता पार्टी ने 14 अगस्त को विभाजन विभीषिका दिवस के रूप में मनाया। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर, जबलपुर में भाजपा ने मौन जुलूस निकाला, जिसमें विभाजन के दर्द को दर्शाती एक प्रदर्शनी और संगोष्ठी का आ
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यह मौन जुलूस मालवीय चौक से शुरू होकर सिविक सेंटर स्थित सरदार वल्लभ भाई पटेल भवन पर समाप्त हुआ। भाजपा जिलाध्यक्ष रत्नेश सोनकर ने बताया कि केंद्रीय और प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर इस कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। उन्होंने कहा कि 1947 में हुए देश के विभाजन ने लाखों लोगों के जीवन में दुख और पीड़ा भर दी थी। इस दिवस को मनाने का उद्देश्य उन लोगों को श्रद्धांजलि देना है, जिन्होंने विभाजन के दौरान अपनी जान गंवाई और विस्थापन का दर्द सहा।
जबलपुर सांसद श्री आशीष दुबे ने बताया कि 14 अगस्त को काला दिन बताया। उन्होंने कहा कि 15 अगस्त को भले ही हमें आजादी मिली, लेकिन उससे एक दिन पहले देश ने जो विभाजन की विभीषिका झेली, उसे कभी भुलाया नहीं जा सकता। उन्होंने कहा कि उस दिन जिस तरह से मानवता को तार-तार किया गया और लाखों लोगों का कत्लेआम हुआ, वह अत्यंत दुखद था।
आशीष दुबे ने इस तरह के कार्यक्रमों के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि इनका उद्देश्य नई पीढ़ी को इतिहास से अवगत कराना है, ताकि वे आजादी की कीमत समझ सकें और भविष्य में देश को एक रखने के लिए प्रेरित हों। उन्होंने कहा कि यह हमारा दायित्व है कि हम आने वाली पीढ़ियों को बताएं कि हमारे देश ने कितनी बड़ी कीमत चुकाकर यह आजादी हासिल की है।