13 दिन बाद भी डिप्टी रेंजर और वनरक्षक फरार: बालाघाट में बाघ की मौत और बिना प्रोटोकॉल शव जलाने पर 6 आरोपियों की जमानत खारिज – Balaghat (Madhya Pradesh) News

13 दिन बाद भी डिप्टी रेंजर और वनरक्षक फरार:  बालाघाट में बाघ की मौत और बिना प्रोटोकॉल शव जलाने पर 6 आरोपियों की जमानत खारिज – Balaghat (Madhya Pradesh) News


बालाघाट जिले के सोनेवानी अभयारण्य में बाघ की रहस्यमय मौत और उसके शव को बिना प्रोटोकॉल के जलाए जाने के मामले में स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (STSF) की जांच पर सवाल उठ रहे हैं। घटना को 13 दिन बीत जाने के बाद भी इस मामले के मुख्य आरोपी डिप्टी रेंजर टीकार

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दूसरी बार जमानत याचिका खारिज

5 अगस्त से इस मामले की जांच कर रही STSF ने अब तक कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं की है। जब उनसे फरार आरोपियों के बारे में पूछा गया तो उन्होंने सिर्फ इतना बताया कि इनकी जानकारी जुटाई जा रही है और विवेचना जारी है। हालांकि, STSF ने यह जरूर बताया कि इस मामले में गिरफ्तार किए गए 6 वन सुरक्षा श्रमिकों शिवकुमार धुर्वे, देव सिंह कुंभरे, शैलेश धुर्वे, हरिलाल एड़पाचे, अनुज सिरसाम और मान सिंह सलामे की जमानत याचिका को वारासिवनी कोर्ट ने दूसरी बार खारिज कर दिया है।

वन्यजीव प्रेमी और समाज ने उठाई आवाज

  • विधायक अनुभा मुंजारे ने भोपाल में वाइल्ड लाइफ क्राइम ब्यूरो (WCCB) के एडिशनल पीसीसीएफ ए.एल. कृष्णमूर्ति और प्रधान मुख्य वन संरक्षण वी.एन. अम्बाड़े से मुलाकात कर डीएफओ समेत अन्य जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है।
  • वन्यजीव प्रेमी अभय कोचर ने STSF की जांच की निष्पक्षता पर सवाल खड़े किए हैं और WCCB से जांच कराने की मांग की है। उन्होंने यह भी गंभीर आरोप लगाया है कि इस घटना से पहले भी एक तेंदुए और एक और बाघ को इसी तरह से ठिकाने लगाया गया है।
  • आदिवासी समाज ने गिरफ्तार किए गए वन सुरक्षा श्रमिकों को निर्दोष बताते हुए उनकी गिरफ्तारी पर सवाल उठाया है और निष्पक्ष जांच की मांग की है। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि उनकी मांगें पूरी नहीं हुईं तो वे कलेक्टर कार्यालय के गेट पर प्रदर्शन करेंगे।

2 अगस्त को सामने आया था मामला

यह पूरा मामला तब सामने आया जब 2 अगस्त को एक व्हाट्सएप ग्रुप में मृत बाघ की तस्वीर वायरल हुई। वन विभाग की जांच में पता चला कि जुलाई में ही बाघ की मौत हो गई थी और डिप्टी रेंजर व वनरक्षक के कहने पर छह श्रमिकों ने उसे जला दिया था। गिरफ्तार हुए श्रमिक तो हिरासत में हैं, लेकिन इस घटना के मुख्य जिम्मेदार अधिकारी अभी भी फरार हैं, जिससे जांच की विश्वसनीयता पर सवाल उठ रहे हैं।

डिप्टी रेंजर टीकाराम हनोते।

वनरक्षक हिमांशु घोरमारे।

वनरक्षक हिमांशु घोरमारे।



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