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सतना के किसान स्टार फ्रूट और लीची की डबल क्रॉपिंग मॉडल अपनाकर मुनाफा बढ़ा रहे हैं. स्टार फ्रूट साल में दो बार फल देता है और लीची एक बार, जिससे कम समय में ज्यादा आमदनी होती है.
एक साल में फल, एक बार में 50 किलो तक उत्पादन
जैव विविधता विशेषज्ञ चंदन सिंह लोकल 18 से बताते हैं कि स्टार फ्रूट को स्थानीय भाषा में कामरख कहा जाता है. ये ठंडी और गर्म दोनों तरह की जलवायु में आसानी से उगाया जा सकता है. इसकी खासियत यह है कि कलम लगाने के सिर्फ एक साल के भीतर पेड़ फल देने लगता है. अगर 2-3 साल तक अच्छी देखभाल की जाए तो एक पेड़ से लगभग 50 किलो तक फल निकलता है जिसकी मार्केट में कीमत 75-100 रुपये प्रति किलो तक मिलती है.
स्टार फ्रूट विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट्स का बढ़िया स्रोत है जो इम्यून सिस्टम को मजबूत करता है और हृदय व पाचन स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है. इसके अलावा यह रक्तचाप को नियंत्रित करने में भी मदद करता है. यही कारण है कि मप्र के खंडवा, इंदौर और जबलपुर जैसे शहरों में इसकी अच्छी-खासी डिमांड है जबकि देशभर में गुजरात इसका सबसे बड़ा उत्पादक क्षेत्र है. लोग इसे सीधे खाने के साथ-साथ जूस, चटनी और सलाद के रूप में भी पसंद करते हैं.
डबल क्रॉपिंग से डबल मुनाफा
चंदन बताते हैं कि अगर एक एकड़ में स्टार फ्रूट के साथ लीची की खेती भी की जाए तो मुनाफा दोगुना हो जाता है. स्टार फ्रूट साल में दो बार फल देता है जबकि लीची साल में एक बार, जिससे सालभर आय का सिलसिला बना रहता है. इस मॉडल से किसान 2-3 साल में सारे खर्च निकालकर कम से कम 3 लाख रुपये का शुद्ध मुनाफा कमा सकते हैं.
किसानों के लिए गेम चेंजर मॉडल
कम पानी और कम देखभाल में बेहतर उत्पादन देने वाली यह फसल किसानों के लिए गेम चेंजर साबित हो रही है. यह मॉडल न केवल ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत कर सकता है बल्कि किसानों को फसलों में विविधता लाकर जोखिम कम करने का भी मौका देता है. बदलते कृषि परिदृश्य में स्टार फ्रूट और लीची की संयुक्त खेती किसानों के लिए एक स्थायी और लाभदायक बिज़नेस विकल्प बन सकती है.