Independence Day 2025: जन्म भारत की आज़ादी के साथ, जिया हर संघर्ष – ये हैं MP के असली ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रन’

Independence Day 2025: जन्म भारत की आज़ादी के साथ, जिया हर संघर्ष – ये हैं MP के असली ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रन’


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79th Independence Day of India: स्वतंत्रता दिवस के दिन जन्मे इन लोगों ने भारत के साथ जीना सीखा. भोपाल गैस त्रासदी, 1971 युद्ध और शुरुआती देशभक्ति की कहानियाँ इनके जीवन का हिस्सा हैं.

जन्म भारत की आज़ादी के साथ, जिया हर संघर्ष – MP के असली 'मिडनाइट्स चिल्ड्रन'मध्यप्रदेश के “मिडनाइट्स चिल्ड्रन”
इंदौर. ये हैं मध्यप्रदेश के ‘मिडनाइट्स चिल्ड्रन’ – वे लोग जो आज़ादी की सुबह 15 अगस्त 1947 को पैदा हुए थे. भारत जब अपने पहले कदम उठा रहा था, तब ये भी अपने जीवन की शुरुआत कर रहे थे. देश जब संघर्षों और सपनों से जूझ रहा था, तो उन्होंने भी जीवन के उतार-चढ़ाव देखे. आज जब भारत 79वां स्वतंत्रता दिवस मना रहा है, आज ये सभी लोग उन बीते दिनों को याद करते हुए, अपनी भावनाए बता रहे है.

पूर्व डीजीपी और 1971 युद्ध के वेटरन स्वराज पुरी उस भयावह सुबह को आज भी नहीं भूल पाते – 3 दिसंबर 1984, जब भोपाल गैस त्रासदी हुई थी. वो तब भोपाल के एसपी थे. उन्होंने बताया, “ऐसा लग रहा था जैसे लियोन यूरिस की किताब ‘Exodus’ के पन्ने जीवित हो गए हों.” उन्होंने देखा कि कैसे ज़हरभरी गैस ने लोगों को मौत की नींद सुला दिया. गैस उनके शरीर में भी पहुंच गई थी. एक डॉक्टर ने उन्हें कहा, “तुम मर जाओगे.” पुरी ने जवाब दिया – “एक दिन तो सबको मरना है.” डॉक्टर ने डांटा और कहा – “मजाक बंद करो, अस्पताल में दौड़ लगाओ.” पुरी दौड़े, पर 20 कदम बाद ही गिर पड़े.

इंदौर के जाने-माने प्लास्टिक सर्जन डॉ. जी.एल. जखेतिया को भी गर्व है कि उनका जन्म उसी दिन हुआ, जिस दिन भारत आज़ाद हुआ. यह उन्हें देश की आत्मा से जोड़ता है. दिल्ली के सफदरजंग अस्पताल में पोस्टिंग के दौरान उन्होंने 1971 के भारत-पाक युद्ध में घायल हुए सैनिकों का इलाज किया. उन्होंने ईरान-इराक युद्ध के दौरान भी ईरान के यज़्द शहर के अस्पताल में जलने वाले सैनिकों की सर्जरी की. यह सब उनके लिए एक सेवा का भाव था.

इंदौर के उद्यमी ओम धूत, जो धूत ग्रुप ऑफ़ कंपनीज़ के चेयरमैन हैं, आज़ादी के शुरुआती वर्षों को याद करते हुए कहते हैं – “बचपन में देशभक्ति की अनोखी ऊर्जा थी. ‘प्रभात फेरी’ में हिस्सा लेना आम बात थी. हम नेता जी के नारे लगाते हुए जुलूस में शामिल होते थे.” उन्हें याद है जब 1968 में उन्होंने अपनी पहली बड़ी खरीदारी की – एक वेस्पा स्कूटर. “पेट्रोल 90 पैसे लीटर था और टंकी भरवाने में 4.50 रुपये लगे थे. वो स्कूटर मेरे लिए आज़ादी का प्रतीक था – मेरी मेहनत और सपनों का फल.”

ये वो लोग हैं, जिन्होंने भारत के साथ चलना सीखा – हर बदलाव, हर युद्ध, हर संघर्ष और हर उपलब्धि के साथ.

Anuj Singh

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked a…और पढ़ें

Anuj Singh serves as a Content Writer for News18MPCG (Digital), bringing over Two Years of expertise in digital journalism. His writing focuses on hyperlocal issues, Political, crime, Astrology. He has worked a… और पढ़ें

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