इस फसल से किसान खड़ा कर दे रहे बिजनेस, दवा कंपनी वाले खेत से ले जाते हैं, बाजार में सालभर डिमांड

इस फसल से किसान खड़ा कर दे रहे बिजनेस, दवा कंपनी वाले खेत से ले जाते हैं, बाजार में सालभर डिमांड


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Ashwagandha Cultivation Tips: किसान अब अश्वगंधा की खेती बड़े पैमाने पर कर रहे हैं. क्योंकि, इसकी डिमांड दिन ब दिन बढ़ रही है. सतना के किसान से जानें कि वो कैसे कर रहे कमाई…

Satna News: अगर आप भी खेती से अच्छा मुनाफा कमाना चाहते हैं और पारंपरिक फसलों के बजाय कुछ नया करना चाहते हैं तो अश्वगंधा की खेती आपके लिए सुनहरा मौका साबित हो सकती है. कम पानी और कम लागत में उगने वाला यह औषधीय पौधा दवा, सप्लीमेंट और आयुर्वेदिक प्रोडक्ट्स के निर्माण में बड़ी मात्रा में इस्तेमाल होता है. बाजार में इसकी जड़ों और दानों की सालभर डिमांड रहती है, जिससे किसान लाखों का कारोबार खड़ा कर सकते हैं. यही वजह है कि अश्वगंधा की खेती अब तेजी से एक सफल बिजनेस मॉडल के रूप में उभर रही है.

औषधीय गुणों से भरपूर पौधा
लोकल 18 से बातचीत में जैव विविधता विशेषज्ञ चंदन सिंह बताते हैं कि अश्वगंधा का जैसा नाम है, वैसे ही इसके गुण भी हैं. इसके सेवन से शरीर में घोड़े जैसी ताकत बनी रहती है. रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है. इसके पत्ते, जड़ और दाने प्राचीन समय से औषधीय गुणों के लिए प्रसिद्ध हैं. जड़ और पत्तों का चूर्ण पानी में मिलाकर पीने से शरीर में हमेशा एनर्जी बनी रहती है, जबकि इसके दानों का भी औषधीय उपयोग व्यापक है.

6 महीने में तैयार, 2 साल में परिपक्व
अश्वगंधा का दाना लगाने के करीब 6 महीने में तैयार हो जाता है और 2 साल में यह पूरी तरह युवा अवस्था में आ जाता है. बिक्री लायक हो जाता है. फूल आने के बाद किसान इन्हें सुखाकर दाना निकालते हैं, जो बाजार में अच्छी कीमत देता है. इसकी खेती के लिए अधिक सिंचाई की जरूरत नहीं होती, जिससे यह कम पानी वाले क्षेत्रों में भी सफलतापूर्वक की जा सकती है.

बाजार में बढ़ती मांग और दाम
अश्वगंधा की बढ़ती लोकप्रियता के चलते इसके विभिन्न रूपों की कीमत भी आकर्षक है. सूखी अश्वगंधा जड़ें 200 से 450 रुपये प्रति किलो, अश्वगंधा पाउडर 290 से 450 रुपये प्रति किलो और इसका अर्क करीब 1200 रुपये प्रति किलो बिकता है. वहीं, ऑर्गेनिक अश्वगंधा जड़ों की कीमत 450 रुपये प्रति किलो तक पहुंच जाती है. लगातार बढ़ती मांग के कारण यह खेती किसानों के लिए लंबी अवधि में स्थायी आमदनी का साधन बन सकती है.

किसानों के लिए मुनाफे का नया रास्ता
विशेषज्ञों का मानना है कि अश्वगंधा की खेती न केवल किसानों को आर्थिक रूप से मजबूत बनाएगी, बल्कि औषधीय पौधों की वैश्विक मांग में भारत को अग्रणी बना सकती है. अगर किसान सही तकनीक और मार्केटिंग रणनीति अपनाएं तो यह फसल उनके लिए मुनाफे की गारंटी बन सकती है.

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