देवास के सीनियर राजबाड़े से जन्माष्टमी के अवसर पर परंपरागत दिंडी यात्रा निकाली गई। यह यात्रा रियासत काल से निकल रही है और इस वर्ष 119वां आयोजन है।
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राजपरिवार द्वारा भगवान कृष्ण का जन्मोत्सव सीनियर राजवाड़े में विशेष रूप से मनाया जाता है। इसकी तैयारियां एक सप्ताह पहले से शुरू हो जाती हैं। जन्माष्टमी के दिन सायंकाल में यात्रा से पहले मटकी फोड़ कार्यक्रम का आयोजन किया गया।
यात्रा में भगवान श्रीकृष्ण की पालकी निकाली गई। परंपरागत भजन मंडली पारंपरिक वेशभूषा में संकीर्तन करते हुए चली। विक्रमसिंह पवार और राजपरिवार के अन्य सदस्य पालकी के साथ पैदल चले।
मान्यता है कि भगवान श्रीकृष्ण अपने भक्तों का हाल जानने के लिए पालकी में सवार होकर शहर में निकलते हैं। यात्रा का शहर में जगह-जगह स्वागत किया गया। बड़ी संख्या में श्रद्धालु भगवान श्रीकृष्ण की पालकी यात्रा के दर्शन के लिए उमड़े।