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आईपीएल में रिंकू सिंह कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए थे, लेकिन उन्हें मिले सीमित मौकों में उन्होंने भारत के लिए लगातार अच्छा प्रदर्शन किया है. ऐसे में उन्हें एशिया कप के लिए नहीं चुना जाता है, तो यह आश्चर्य की बात …और पढ़ें

वैसे सेलेक्शन का आधार आईपीएल ना ही बने तो बेहतर है. चयन इस बात पर निर्भर करना चाहिए कि खिलाड़ी ने राष्ट्रीय टीम के लिए क्या किया है. यह दोनों का मिश्रण भी हो सकता है. ऐसे में, रिंकू के पास मौका होने की पूरी संभावना है. अगर सैमसन और तिलक को भारत के लिए उनके प्रदर्शन के आधार पर चुना जाता है, तो रिंकू के लिए भी यही बात लागू होनी चाहिए.
इस बात से इंकार नहीं किया जा सकता कि पिछले 12 महीनों में रिंकू का इस्तेमाल सही तरीके से नहीं हुआ है. केकेआर के लिए उन्होंने बहुत नीचे बल्लेबाजी की और बहुत कम मौकों पर ही उनके पास छाप छोड़ने लायक गेंदें बचीं. अगर किसी खिलाड़ी को पारी के अंत में लगातार 8-10 गेंदें दी जाती हैं, तो उसके प्रभाव का अंदाज़ा लगाना नामुमकिन है. हालाँकि अब उन्हें एक निर्धारित फिनिशर माना जाता है, लेकिन इन कुछ गेंदों को खेलना किसी क्रिकेटर के मूल्यांकन का पैमाना नहीं हो सकता. इसके अलावा, उनकी फील्डिंग भी कमाल की है. रिंकू मैदान पर पूरी तरह से सक्रिय हैं, और आउटफील्ड में कुछ बेहतरीन कैच लपकेंगे और डाइव लगाकर कीमती रन बचाएँगे. यह एक अतिरिक्त लाभ है, और कई मौकों पर, खेल पर इसका गहरा प्रभाव पड़ेगा.ये सब बातें रिंकू के पक्ष में जा सकती है पर उनको टीम में बने रहने के लिए कोच और कप्तान के बैकअप की जरूरत पड़ेगी.
रिंकू सिंह का सेलेक्शन हो भी जाता है तो भी प्लेइंग ऐलेवन में जगह बनाना कई अच्छे खिलाड़ियों की मौजूदगी के कारण, यह मुश्किल हो सकता है. हार्दिक पांड्या और अक्षर पटेल दोनों भारत के लिए 5वें, 6वें और 7वें नंबर पर बल्लेबाजी कर सकते हैं, और फिर वाशिंगटन सुंदर भी हैं. यह कहने के बाद, हो सकता है कि हार्दिक को 5वें नंबर पर बल्लेबाजी करने के लिए कहा जाए. हमें याद रखना चाहिए कि एशिया कप विश्व कप का पूर्वाभ्यास भी है. यानि जो भी टीम चुनी जाएगी उसे वर्ल्ड कप का ट्रेलर भी मान सकते है और टीम इंडिया की भारी भरकम स्टार कास्ट में रिंकू सिंह को जगह मिलती है या नहीं और मिलती है तो उनका किरदार क्या होगा ये देखना काफी दिलचस्प होगा.