नई दिल्ली: भारतीय क्रिकेट बोर्ड (बीसीसीआई) ने अपनी खेल शर्तों में सुधार करते हुए आने वाले सीजन के लिए घरेलू टूर्नामेंटों में ‘सीरियस इंजरी रिप्लेसमेंट नियम’ लागू किया है.
यह कदम भारत और इंग्लैंड के बीच हाल में 2-2 से बराबर रही एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी टेस्ट सीरीज के दौरान ऋषभ पंत और क्रिस वोक्स के चोटिल होने के बाद उठाया गया है. राज्य संघों को सूचित किए गए नए नियम में कहा गया है:
अगर किसी खिलाड़ी को संबंधित मैच के दौरान गंभीर चोट लगती है तो निम्नलिखित परिस्थितियों में स्थानापन्न खिलाड़ी की अनुमति दी जा सकती है. यह गंभीर चोट खेल के दौरान और अनुच्छेद 1.2.5.2 में वर्णित खेल क्षेत्र के भीतर लगी होनी चाहिए.
नियम के अनुसार, ‘चोट किसी बाहरी झटके के कारण लगी होनी चाहिए और इसके परिणामस्वरूप फ्रैक्चर या गहरा कट या ‘डिस्लोकेशन’ (खिसकना) आदि हुआ होय इस चोट के कारण खिलाड़ी बचे मैच के लिए अनुपलब्ध हो जाना चाहिए. इंजर्ड प्लेयर की जगह लेने जो खिलाड़ी आएगा वो लाइक टू लाइक रिप्लेसमेंट होगा. यानी पेसर के बदले पेसर, विकेटकीपर के बदले विकेटकीपर.
यह नियम सीनियर और जूनियर घरेलू टूर्नामेंटों के बहु-दिवसीय मुकाबलों में लागू होगा तथा 28 अगस्त से दलीप ट्रॉफी और अंडर-19 सीके नायडू ट्रॉफी में इसकी शुरुआत होगी.
ऋषभ पंत को मैनचेस्टर में चौथे टेस्ट में रिवर्स स्वीप करने की कोशिश में पैर में फ्रैक्चर हो गया जबकि वोक्स का कंधा ओवल में सीरीज के निर्णायक मैच में खिसक गया. इस घटना ने इस बात पर बहस फिर से छेड़ दी कि क्या खिलाड़ियों को गंभीर चोट लगने पर रिप्लेसमेंट की अनुमति दी जानी चाहिए. भारत के मुख्य कोच गौतम गंभीर इसके पक्ष में थे जबकि इंग्लैंड के कप्तान बेन स्टोक्स इसके पक्ष में नहीं थे.
1.2.8.1.1: गंभीर चोट खेल के दौरान और ऊपर अनुच्छेद 1.2.5.2 में वर्णित खेल क्षेत्र के भीतर लगी होनी चाहिए.
1.2.8.1.3: टीम मैनेजर बीसीसीआई मैच रेफरी को एक फॉर्म पर ‘गंभीर चोट प्रतिस्थापन’ अनुरोध प्रस्तुत करेगा जो :
1.2.8.1.3.2: उस घटना का उल्लेख करें जिसमें गंभीर चोट लगी थी और जिसमें चोट लगने का समय भी शामिल है.
1.2.8.1.3.4: अनुरोध किए गए खिलाड़ी की पहचान करें जो गंभीर चोट वाले खिलाड़ी का समान प्रतिस्थापन होगा.
बस उस स्थिति में जब विकेटकीपर गंभीर रूप से चोटिल हो और उसे प्रतिस्थापन की आवश्यकता हो तब मैच रेफरी नामित प्रतिस्थापनों में से किसी अन्य खिलाड़ी को विकेटकीपर की अनुमति दे सकता है, बशर्ते नामित प्रतिस्थापनों में कोई विकेटकीपर नहीं हो.
1.2.8.3: बीसीसीआई मैच रेफरी को सामान्यतः गंभीर चोट प्रतिस्थापन अनुरोध को तभी स्वीकृत करना चाहिए जब प्रतिस्थापन भी समान योग्यता का खिलाड़ी हो, जिसके शामिल होने से मैच के बचे भाग में उसकी टीम को अत्यधिक लाभ नहीं होगा.
1.2.8.5: यदि बीसीसीआई मैच रेफरी को लगता है कि नामित गंभीर चोट प्रतिस्थापन को शामिल करने से उनकी टीम को अत्यधिक लाभ होगा तो बीसीसीआई मैच रेफरी गंभीर चोट प्रतिस्थापन की पहचान और भागीदारी पर ऐसी शर्तें लगा सकता है जो वह उचित समझे.
1.2.8.6: बीसीसीआई मैच रेफरी अनुच्छेद 1.2.8.1.3 के अनुसार किए गए गंभीर चोट प्रतिस्थापन अनुरोध की समीक्षा करते समय अनुच्छेद 1.2.8.4 और 1.2.8.5 के अंतर्गत आवश्यक निर्धारण करने के लिए जरूरी किसी भी अतिरिक्त जानकारी का अनुरोध कर सकता है.
1.2.8.8: एक बार जब बीसीसीआई मैच रेफरी द्वारा गंभीर चोट प्रतिस्थापन को मंजूरी दे दी जाती है तो प्रतिस्थापित खिलाड़ी मैच में आगे भाग नहीं लेगा.
1.2.8.9: गंभीर चोट प्रतिस्थापन और प्रतिस्थापित खिला.ड़ी दोनों को रिकॉर्ड और आंकड़ों के उद्देश्यों के लिए मैच में खेला हुआ माना जाएगा.