Pro Kabaddi League 2025: प्रो-कबड्डी लीग का 12वां सीजन 29 अगस्त को शुरू होने वाला है. इस लीग ने क्रिकेट प्रेमी देश में अपनी अलग पहचान बनाई है. प्रो-कबड्डी लीग ने कई गरीब खिलाड़ियों को करोड़पति बनाया है. उन्हीं में से एक पुणेरी पलटन के स्टार असलम इनामदार हैं. उनके लिए कबड्डी सिर्फ एक खेल नहीं है. इस खेल ने उनके जीवन को पूरी तरह से बदल दिया है. यह उनके लिए एक जीवनरेखा साबित हुई है.
चाय दुकान पर गिलास धोने का किया काम
असलम इनामदार अपनी मां की मदद करने के लिए एक चाय की दुकान पर गिलास धोने का काम करते थे. वहां से लेकर प्रो कबड्डी लीग (PKL) के 10वें सीजन में ट्रॉफी उठाने तक, उनकी कहानी प्रेरणादायी है. यह धैर्य, लचीलेपन और आत्मविश्वास की एक मिसाल है. दीपक पारेख के साथ ‘द चिल आवर’ पॉडकास्ट पर असलम ने याद करते हुए कहा, ”मेरा बचपन बहुत कठिन था. हमारा एकमात्र लक्ष्य यह था कि परिवार में कोई भी भूखा न रहे. मैंने होटलों में, खेतों में, कहीं भी काम किया, जहां मुझे मौका मिला- लेकिन मैंने कभी भी कबड्डी के प्रति अपने जुनून को कम नहीं होने दिया.”
प्रो कबड्डी लीग में बन गए निडर रेडर
कबड्डी के प्रति असलम इनामदार का जुनून उनके भाई वसीम और स्थानीय कोच राहुल बलकार की वजह से बरकरार रहा. वर्षों तक अज्ञात रहने के बावजूद सलम को 2019 में एक बड़ा मौका मिला. उन्होंने पुणेरी पलटन के लिए प्रो कबड्डी लीग में शानदार प्रदर्शन किया और जल्द ही खुद को एक निडर रेडर के रूप में स्थापित कर लिया. उन्होंने कहा, ”10 साल तक मैं बिना पैसे या प्रसिद्धि के सिर्फ एक कबड्डी खिलाड़ी था.”
पीकेएल ने जीवन को बदला
असलम इनामदार का मानना है कि पीकेएल के आर्थिक पहलू ने न केवल खिलाड़ियों के जीवन को बदल दिया है, बल्कि खेल की धारणा को भी बदल दिया है. असलम ने कहा, ”अगर एक पीकेएल खिलाड़ी को लगातार तीन-चार सीजन में 2 करोड़ रुपये मिलते हैं, तो इसका मतलब है कि वह कम से कम 8 करोड़ रुपये कमाता है. यह एक व्यक्ति के जीवन और खेल को देखने के तरीके को बदल देता है.”
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चोट और वापसी का संघर्ष
सफलता के साथ-साथ असलम को कुछ झटके भी लगे. 10वें सीजन में पुणेरी को उनके पहले पीकेएल खिताब तक पहुंचाने और ‘सबसे मूल्यवान खिलाड़ी’ चुने जाने के बाद उन्हें 11वें सीजन में एक बड़ी चोट लग गई. उनकी वापसी पर संदेह होने लगा. उन्होंने कहा, ”लोगों ने कहा कि मैं उस स्तर पर फिर से नहीं खेल पाऊंगा. लेकिन मैं नकारात्मकता पर ध्यान नहीं देता. मुझे खुद पर किसी भी चीज से ज्यादा विश्वास है.”
‘मैं वर्तमान में जीता हूं’
असलम ने अपनी मानसिक मजबूती को दिखाते हुए कहा, ”मैं जीवन को बहुत गंभीरता से नहीं लेता. मैं वर्तमान में जीता हूं. आप जो भी करते हैं, उसे खुलकर करें, हर पल का आनंद लें. सफलता पाना आसान है. इसे बनाए रखना सबसे कठिन काम है. कई खिलाड़ी एक साल के लिए चमकते हैं और गायब हो जाते हैं. मेरे लिए यह कड़ी मेहनत के साथ-साथ स्मार्ट काम के बारे में है.यही आपको शीर्ष पर बनाए रखता है.”
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अपने गुरु को दिया सफलता का श्रेय
असलम अपनी तरक्की का श्रेय पुणेरी पलटन और अपने गुरु अशोक शिंदे को देते हैं. उन्होंने कहा, ”हर खिलाड़ी सैकड़ों लोगों से सलाह सुनता है. लेकिन जीवन में आपको एक ऐसे व्यक्ति की बात सुननी चाहिए जिस पर आप पूरी तरह से भरोसा करते हैं. मेरे लिए वह अशोक सर हैं. उन्होंने हमेशा मुझसे कहा-मैं तुम्हें एक बड़ा खिलाड़ी बनाऊंगा और मैंने उन पर भरोसा किया.”