इंदौर में कांग्रेस शहर अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर विवाद: कार्यकर्ताओं ने पटवारी से पूछा-सभी प्रमुख पद विधानसभा क्षेत्र-2 को देने की क्या मजबूरी है – Indore News

इंदौर में कांग्रेस शहर अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर विवाद:  कार्यकर्ताओं ने पटवारी से पूछा-सभी प्रमुख पद विधानसभा क्षेत्र-2 को देने की क्या मजबूरी है – Indore News



कांग्रेस ने शनिवार को पार्षद एवं नगर निगम में नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे को इंदौर का शहर अध्यक्ष घोषित किया है। इसके बाद से लगातार विरोध हो रहा है। इंदौर पूर्व महिला मोर्चा के सवाल उठाने और संभागीय प्रवक्ता के इस्तीफा देने के बाद अब अन्य कांग्रेस नेत

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पार्टी के कार्यकर्ताओं का कहना है कि कांग्रेस के लिए बरसों से संघर्ष करने वाले कार्यकर्ताओं को एक बार फिर नजरअंदाज कर दिया गया है और चंद बड़े नेताओं के इर्द-गिर्द घूमने वाले दौलतमंद व अवसरवादी लोगों को अहम पदों पर बैठा दिया गया है। कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने जीतू पटवारी से अब विरोध में सवाल किया है।

कार्यकर्ताओं ने पूछा-एक व्यक्ति को इतने पद क्यों?

कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने सोशल मीडिया पर लिखा है कि इंदौर जिले में कांग्रेस पार्टी को सबसे कम वोट विधानसभा क्षेत्र क्र-2 से मिलते हैं। फिर चाहे कोई भी चुनाव (लोकसभा, विधानसभा,नगर निगम) हो। फिर ऐसी क्या मजबूरी है कि संगठन के सारे मुख्य पद (नेता प्रतिपक्ष एवं महिला कांग्रेस अध्यक्ष और अब शहर कांग्रेस अध्यक्ष भी) विधानसभा-2 के नेताओं को ही दिए जा रहे हैं? हम यह मानते हैं कि विधानसभा क्षेत्र-2 में कांग्रेस कमजोर है। वहां सालों से पार्टी हार रही है।

विधानसभा क्षेत्र क्रमांक-4 और 5 में भी 2 दशक से हम विधानसभा हार रहे हैं, लेकिन गौर करने वाली बात यह है कि क्षेत्र क्रमांक-5 के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने वहां कांग्रेस का वोट प्रतिशत कम नहीं होने दिया। हर चुनाव में सबसे ज्यादा वोट पार्टी को उसी विधानसभा से मिले हैं। यहां के नेताओं और कार्यकर्ताओं ने मौजूदा भाजपा सांसद और विधायक से किसी तरह का कोई राजनीतिक समझौता कभी नहीं किया है। इस लिहाज से अन्य विधानसभा क्षेत्रों को और ज्यादा मजबूत और उपकृत करना चाहिए, ना कि उपेक्षा होनी चाहिए।

सूची में नाम तक नहीं था, फिर भी अध्यक्ष कार्यकर्ताओं का आरोप है कि जिस व्यक्ति का नाम संगठन सृजन की सूची तक में नहीं था और जो खुद किसी अन्य की पैरवी कर रहा था, वही अचानक शहर कांग्रेस अध्यक्ष बना दिया गया। यह नियुक्ति सवालों के घेरे में है।

यह सृजन नहीं, भावनाओं का विसर्जन है कार्यकर्ताओं का कहना है कि यह सृजन नहीं, बल्कि कांग्रेस की निष्ठा और भावनाओं का मजाक उड़ाना है। उन्होंने सवाल किया क्या कांग्रेस में काबिल, ईमानदार और समर्पित कार्यकर्ताओं की इतनी कमी हो गई है कि उनकी कद्र करना छोड़ दी गई या कांग्रेस अब सिर्फ व्यक्तिगत गुटबाजी का अड्डा बनकर रह गई है?

नाटक क्यों किया गया? कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने यह भी सवाल उठाया कि यदि नियुक्तियां पहले से ही तय थीं, तो कार्यकर्ताओं से राय मांगने का नाटक क्यों रचा गया? उन्होंने कहा कि इससे कांग्रेस कार्यकर्ताओं का मनोबल टूटा है और निष्ठावान कार्यकर्ताओं की मेहनत को अपमानित किया गया है।

सवाल अब शहर अध्यक्ष का नहीं, कांग्रेस के भविष्य का कार्यकर्ताओं ने कहा कि सवाल अब सिर्फ शहर अध्यक्ष के नाम का नहीं है, बल्कि यह है कि कांग्रेस पार्टी कार्यकर्ताओं के भरोसे चलेगी या कुछ गिने-चुने नेताओं की मनमानी पर।



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