खरगोन की रूपारेल नदी में बाढ़ आने से रविवार को 27 साल का युवक बह गया।
मध्यप्रदेश के 14 जिलों में सोमवार को तेज बारिश का अलर्ट है। इनमें 4 जिले- देवास, हरदा, खंडवा और बुरहानपुर में 24 घंटे के अंदर अति भारी बारिश हो सकती है। वहीं, इंदौर, नर्मदापुरम, जबलपुर और भोपाल संभाग के अन्य 10 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी दी गई ह
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मौसम विभाग के अनुसार, प्रदेश के पश्चिम-दक्षिण हिस्से से मानसून ट्रफ गुजर रही है। वहीं, लो प्रेशर एरिया (कम दवाब का क्षेत्र) भी एक्टिव है। इस वजह से इंदौर, उज्जैन संभाग में ही ज्यादा बारिश का दौर बना हुआ है। सोमवार को खरगोन, बड़वानी, धार, झाबुआ, अलीराजपुर, सीहोर, नर्मदापुरम, बैतूल, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा में भारी बारिश होने का अनुमान है।
कई जिलों में बारिश का दौर, खरगोन में युवक बहा रविवार को प्रदेश के कई जिलों में बारिश का दौर रहा। खरगोन की रूपारेल नदी में बाढ़ आने से एक 27 साल का युवक बह गया। बड़वानी के सेंधवा, निवाली क्षेत्र में हुई बारिश से कई कॉलोनियों में पानी भर गया। मुंबई-आगरा नेशनल हाईवे के बिजासन घाट में रविवार दोपहर तेज बारिश होने की वजह से वाहनों की रफ्तार कम हो गई। श्योपुर मे झमाझम बारिश होने से गर्मी और उमस से लोगों को राहत मिली। धार के पीथमपुर में तेज बारिश हुई। उधर, भोपाल में धूप खिली रही। इस कारण गर्मी और उमस का अहसास हुआ। दतिया, गुना, नर्मदापुरम, खंडवा, दमोह, जबलपुर में भी हल्की बारिश हुई। खंडवा में करीब पौन इंच बारिश दर्ज की गई।
लो प्रेशर एरिया का ज्यादा दिखेगा असर सीनियर मौसम वैज्ञानिक डॉ. दिव्या ई. सुरेंद्रन ने बताया, प्रदेश के दक्षिणी हिस्से में लो प्रेशर एरिया एक्टिव है। अगले दो से तीन दिन तक इसका असर भी देखने को मिल सकता है। इसलिए अगले 3 दिन तक तेज बारिश का अनुमान है।
एमपी में अब तक 31.3 इंच बारिश बता दें कि प्रदेश में 16 जून को मानसून ने आमद दी थी। तब से अब तक औसत 31.3 इंच बारिश हो चुकी है। अब तक 25.2 इंच पानी गिरना था। इस हिसाब से 6.1 इंच पानी ज्यादा गिर चुका है। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37 इंच है।
एमपी में इतनी बारिश…



ग्वालियर, चंबल-सागर सबसे बेहतर एमपी में जब से मानसून एंटर हुआ, तब से पूर्वी हिस्से यानी, जबलपुर, रीवा, सागर और शहडोल संभाग में तेज बारिश हुई है। यहां बारिश के स्ट्रॉन्ग सिस्टम एक्टिव रहे। छतरपुर, मंडला, टीकमगढ़, उमरिया समेत कई जिलों में बाढ़ आ गई। इसके अलावा ग्वालियर-चंबल में भी मानसून जमकर बरसा है। यहां के 8 जिलों में से 7 में कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है। इनमें ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना और श्योपुर शामिल हैं। दतिया में भी 92 प्रतिशत से अधिक बारिश हो चुकी है।
15 में से दो भोपाल, एक जबलपुर, 7 ग्वालियर-चंबल, 3 सागर और 1 जिला रीवा संभाग का है। दूसरी ओर, इंदौर और उज्जैन संभाग में सिस्टम की एक्टिविटी कम देखने को मिलीं। इस वजह से दोनों संभाग के 15 में से 9 जिलों में कोटे की आधी बारिश भी नहीं हुई है।
मंडला-गुना में 47 इंच से ज्यादा पानी गिरा इस बार सबसे ज्यादा पानी मंडला और गुना में गिरा है। यहां आंकड़ा 47 इंच के पार पहुंच गया है। निवाड़ी में 46 इंच, टीकमगढ़ में 45.5 इंच और अशोकनगर में 43.6 इंच पानी गिर चुका है।
अगले 2 दिन ऐसा रहेगा मौसम…


अब जानिए, एमपी के 5 बड़े शहरों में बारिश का रिकॉर्ड…
भोपाल में 2006 में अगस्त में 35 इंच बारिश का रिकॉर्ड भोपाल में अगस्त में मानसून जमकर बरसता है। इस महीने राजधानी में औसत साढ़े 35 इंच तक बारिश हो चुकी है, जो साल 2006 में हुई थी। 24 घंटे में सर्वाधिक बारिश करीब 12 इंच 14 अगस्त 2006 को हुई थी। पिछले सालों की बात करें तो 2015 और 2022 में 30 इंच से ज्यादा पानी गिर चुका है।
भोपाल में इस महीने औसत 14 दिन बारिश होती है। इस दौरान 13 दिन तक पानी गिर जाता है। जुलाई जैसे ही सिस्टम एक्टिव होते हैं।

इंदौर में 1944 में गिरा था 28 इंच पानी इंदौर में अगस्त महीने में औसत 28 इंच बारिश का रिकॉर्ड है, जो साल 1944 में दर्ज किया गया था। 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश का रिकॉर्ड 22 अगस्त 2020 को बनाया था। इस दिन साढ़े 10 इंच पानी गिरा था। पिछले 10 साल में दो बार 17 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है।
इंदौर में अगस्त महीने की औसत बारिश 10 से 11 इंच है। महीने में 12 से 13 दिन तक बारिश होती है।

ग्वालियर में 24 घंटे में साढ़े 8 इंच बारिश का रिकॉर्ड ग्वालियर में 24 घंटे में साढ़े 8 इंच बारिश होने का रिकॉर्ड है, जो 10 अगस्त 1927 को बना था। सर्वाधिक मासिक बारिश वर्ष 1916 में 28 इंच हुई थी। इस महीने की औसत बारिश साढ़े 9 इंच है। एवरेज 12 दिन बारिश होती है।

जबलपुर में 102 साल पहले गिरा था 44 इंच पानी जबलपुर में एक महीने में 44 इंच बारिश का रिकॉर्ड है। 102 साल पहले यानी, वर्ष 1923 में अगस्त महीने में बारिश ने रिकॉर्ड तोड़ दिया था। इसी साल 20 अगस्त को 24 घंटे में ही 13 इंच बारिश हुई थी। यहां बादल फटने जैसी स्थिति बनी थी।
जबलपुर में इस महीने की औसत बारिश 18 इंच है। करीब 16 दिन तक पानी गिरता है। पिछले 10 साल की बात करें तो साल 2019 में यहां 30.61 इंच बारिश हुई थी।

उज्जैन में अगस्त में जमकर होती है बारिश उज्जैन में साल 2006 में सर्वाधिक बारिश का रिकॉर्ड बना था। इस साल अगस्त महीने में करीब 35 इंच बारिश हुई थी। इसी साल 24 घंटे में सर्वाधिक 12 इंच बारिश का रिकॉर्ड 10 अगस्त को बना था। उज्जैन में अगस्त की औसत बारिश 10 इंच है। 10 से 11 दिन यहां बारिश होती है।
