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Jabalpur Bhairav Temple History: जबलपुर का बाजनामठ मंदिर सिर्फ आस्था ही नहीं, इतिहास से भी जुड़ा है. माना जाता है कि गोंडवाना साम्राज्य के राजा संग्राम शाह को यहाँ भैरव बाबा से अजय रहने का वरदान मिला था. जानें …और पढ़ें
बाजनामठ मंदिर का इतिहास
इतिहासकार बताते हैं कि राजा जब भी युद्ध से पहले इस मंदिर में पूजा करते थे, उनकी परेशानियाँ दूर हो जाती थीं. इसी वजह से इस मंदिर की ख्याति दूर-दूर तक फैल गई.
मंदिर के मठ के गुंबद पर लगे त्रिशूल से निकलने वाली प्राकृतिक ध्वनि शक्ति को जागृत करती है. गर्भगृह के अंदर कोई छेद नहीं होने के बावजूद वहाँ हमेशा गूंज और धुएँ का वातावरण बना रहता है. श्रद्धालु मानते हैं कि यहाँ 7 दिन तक एक ही समय पर पूजा करने से हर मनोकामना पूरी होती है.
यहाँ शनिवार और मंगलवार को सबसे अधिक भीड़ उमड़ती है.
चारों तरफ हरियाली से घिरे इस मंदिर तक पुराने समय में राजा संग्राम शाह कच्चे रास्तों से घोड़े और सैनिकों के साथ पहुंचते थे.
इतिहासकारों के अनुसार यह मंदिर सिर्फ गोंडवाना साम्राज्य ही नहीं बल्कि कलचुरी काल से भी जुड़ा हुआ है. आज भी यहाँ हजारों लोग आकर पूजा-अर्चना करते हैं और राजा संग्राम शाह की भक्ति की याद को ताजा करते हैं.