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Moong Dal Cancer Alert: खंडवा के डॉक्टर का दावा है कि मूंग दाल खाने से लोगों को गंभीर बीमारियों का सामना करना पड़ रहा है. इसका कारण खेती में रासायन का उपयोग है. जानें सब…
खंडवा के डॉ. अनिल पटेल ने बताया कि जिस मूंग को लोग प्रोटीन का पावर हाउस समझकर खाते हैं, वही मूंग कई बार बीमारियों की वजह बन सकती है. इसका सबसे बड़ा कारण खेती में उपयोग किए जाने वाले रसायन हैं. मूंग की फसल गर्मी में बोई जाती है. इस दौरान इस फसल पर सफेद मक्खी का हमला होता है, जो पीला मोजेक वायरस फैलाती है. यह वायरस फसल को पूरी तरह खराब कर देता है. इसे रोकने के लिए किसान मजबूरी में कीटनाशकों और रसायनों का छिड़काव करते हैं.
विशेषज्ञों के अनुसार, इस छिड़काव में मेथोमिल (Methomyl) नामक रसायन का प्रयोग होता है. यह रसायन इतना खतरनाक है कि लगातार सेवन करने पर यह शरीर में कैंसर जैसी गंभीर बीमारी पैदा कर सकता है. डॉ. अनिल पटेल बताते हैं कि जब किसान इन रसायनों का छिड़काव करते हैं तो उसके कण हवा के साथ उनके शरीर में चले जाते हैं, जो उनके स्वास्थ्य के लिए भी खतरनाक है. वहीं, जब यह दाल बाजार में आती है तो उसके दानों पर भी रसायन के कण चिपके रहते हैं. यही कण हमारे शरीर में पहुंचकर कैंसर को जन्म दे सकते हैं.
मूंग से जुड़ी ये भी चिंताएं
कई बार किसान मूंग की फसल को जल्दी सुखाने या हरा मूंग तोड़ने के बाद उसे सुरक्षित रखने के लिए अतिरिक्त केमिकल का छिड़काव कर देते हैं. यह प्रचलन गांव-गांव में आम होता जा रहा है. इन रसायनों के अवशेष लंबे समय तक मूंग में बने रहते हैं और मानव शरीर पर नकारात्मक प्रभाव डालते हैं. डॉ. अनिल के अनुसार, इन रसायनों के कारण ज्यादातर कैंसर के मामले सामने आते हैं. हालांकि, अन्य बीमारियां जैसे लीवर डैमेज, पेट से जुड़ी समस्याएं और इम्यून सिस्टम कमजोर होना भी इसके दुष्प्रभावों में शामिल है.
डॉ. अनिल पटेल साफ कहते हैं कि मूंग स्वयं में किसी भी तरह से हानिकारक नहीं है, बल्कि यह शरीर को प्रोटीन और जरूरी पोषक तत्व देने वाला सबसे बेहतर आहार है. समस्या तब पैदा होती है, जब खेती में अंधाधुंध रसायनों का उपयोग किया जाता है. यदि मूंग को बिना रसायन और कीटनाशकों के उगाया जाए तो यह शरीर के लिए बेहद फायदेमंद है.
लोगों को क्या करना चाहिए?
कोशिश करें कि ऑर्गेनिक या बिना रसायन वाली मूंग का ही सेवन करें. मूंग को खाने से पहले अच्छी तरह धोकर पकाएं. अंकुरित मूंग को साफ पानी से धोने के बाद ही खाएं. खेती करने वाले किसानों को भी जागरूक होना होगा ताकि रसायनों का कम से कम उपयोग हो.
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.